महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी को मिली हार पर पूछे गए सवाल को एनसीपी चीफ अजित पवार टाल गए. जब उनसे पूछा गया कि शरद पवार जैसे बड़े कद के नेता का चुनाव में केवल 10 सीटें जीतना, उनके राजनीतिक भविष्य पर सवाल खड़ा करता है और क्या वो उनके साथ वापस जाएंगे? तो अजित पवार इस सवाल के जवाब को टाल गए.
उन्होंने कहा वो उन पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. लोग कई तरह की बातें करते हैं और मेरे मन में क्या है पहले वो मैं करूंगा बाद में देखेंगे कौन किसके साथ आता है. पहले हमें सरकार स्थापित करनी है.
'हमने अपने काम पर फोकस किया'
पत्रकारों से बात करते हुए अजित पवार ने कहा, 'हमने जन सम्मान यात्रा निकाली और इस यात्रा के दौरान हमने किसी पर टिप्पणी नहीं की. हमने अपने काम पर फोकस किया. हमारा स्ट्राइक रेट चुनाव में अच्छा रहा. जितनी जगहों पर हमने चुनाव लड़ा उसके हिसाब से हमें अच्छी सीटें मिलीं.'
उन्होंने कहा कि बीजेपी और शिवसेना को भी अच्छी सीटें मिलीं. लाडकी बहिण योजना ने बड़ा काम किया. इसके अलावा किसानों के 3/7 मोटर के जो बिल माफ किए उसने चुनाव में असर डाला. हमने जो बोला वही किया.
'हमने अपनी गलतियों से सीख ली'
उन्होंने कहा, 'लोकसभा चुनाव में हमारी हार हुई थी. उस हार से हमने सीख ली, शिंदे जी ने सीख ली और हमने हमारी गलतियों को ठीक किया. यह चुनाव हमारे लिए और शिंदे शिवसेना के लिए बेहद जरूरी था. क्योंकि हमारे भविष्य का सवाल था.'
अजित पवार ने कहा, 'लोकसभा के वक्त बारामती में मेरा बुरा हाल था. सभी लोग मेरे विरोध में थे. कुछ बहनें मेरे साथ थी, मेरे परिवार के लोग मेरी मां मेरे साथ थी. मैं लोकसभा में माइनस वोट में था लेकिन इस बार एक लाख प्लस में वोट हैं. मैं बारामती के लोगों को सैल्यूट करता हूं. उन्होंने भावनात्मक मुद्दा लिया नहीं. उन्होंने विकास पर वोट दिया.'