महाराष्ट्र चुनाव में कुछ ही दिन बचे हैं. ऐसे में राज्य का सियासी पारा हाई है. इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन का असर अब पवार परिवार के प्रसिद्ध दिवाली पाडवा समारोह पर भी पड़ा है. कारण, शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने पहली बार पुणे जिले में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए हैं. इसको लेकर अजित पवार के बेटे का कहना है कि ऐसा कार्यकर्ताओं की मांग पर किया जा रहा है. पिछले साल जुलाई में एनसीपी विभाजन से पहले अजित पवार अपने परिवार संग गोविंदबाग में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होते थे.
दरअसल, दिवाली पाडवा का एक आयोजन एनसीपी (एसपी) सुप्रीमो शरद पवार के गोविंदबाग स्थित आवास पर हो रहा है, जहां हमेशा से घर के सदस्य, पार्टी पदाधिकारी और विपक्षी दिग्गज के मित्र वर्षों से दिवाली के दौरान एकत्रित होते रहे हैं. वहीं दूसरा आयोजन बारामती में अजित पवार के पैतृक गांव कटेवाड़ी स्थित फार्म हाउस में किया जाएगा. इसको लेकर अजित पवार ने शुक्रवार को एक्स पर एक पोस्ट भी किया था. इसमें उन्होंने कहा था कि वह शनिवार शाम 6:30 बजे अपने पैतृक गांव में दिवाली पड़वा समारोह का आयोजन करेंगे, जहां वह निवासियों और एनसीपी पदाधिकारियों से मिलेंगे.
बारामती के दादा सिर्फ अजित पवार हैं: पार्थ
इसको लेकर अब अजित पवार के बड़े बेटे पार्थ पवार का बयान भी सामने आया है. आजतक से खास बातचीत में पार्थ ने कहा कि शरद पवार और हमारे विचार अलग है. पिछले साल हम पाडवा (दिवाली) मनाना चाहते थे, लेकिन पार्टी दो फाड़ होने की वजह से हम उलझे हुए थे. इस बार कार्यकर्ताओ ने मांग की, तभी हमने पाडवा सेलिब्रेट किया. इसके बाद हर साल यह रस्म हम निभायेंगे. हमारा पाडवा अलग से होगा. हमने अपना रास्ता चुन लिया है. आप इसे राजनैतिक दृष्टी से भी देख सकते हो. बारामती के दादा एक ही हैं, वे अजित दादा हैं. पूरे महाराष्ट्र से लोग मिलने आ रहे हैं. जीत हमारी होगी, इसमें कोई आशंका नहीं.
पीटीआई के मुताबिक शरद पवार की बेटी और बारामती से लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि उन्हें अजित पवार द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं है. हालांकि, उन्होंने कहा कि गोविंदबाग में आयोजित होने वाले जश्न का सभी को इंतजार रहता है. उन्होंने कहा, "पवार साहब को बधाई देने के लिए पूरे राज्य से लोग आते हैं, इसलिए हम इस खुशी के दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं."
बारामती सीट पर चाचा भतीजे में मुकाबला
बता दें कि दिवाली का जश्न आगामी विधानसभा चुनावों के बीच मनाया जा रहा है, जिसमें बारामती में अजित पवार और उनके भतीजे तथा एनसीपी (एसपी) उम्मीदवार युगेंद्र पवार के बीच जोरदार मुकाबला होने वाला है. बारामती में लोकसभा चुनावों में एक बार फिर पार्टी लाइन के आधार पर परिवार में मतभेद देखने को मिले, क्योंकि अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार ने मौजूदा सांसद सुले को हराया, जिन्होंने आसानी से जीत हासिल की.
पिछले साल जुलाई में अजित पवार और आठ विधायकों के एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल होने के बाद एनसीपी में विभाजन हो गया था. बाद में चुनाव आयोग ने उपमुख्यमंत्री के गुट को असली एनसीपी के रूप में मान्यता दी और उसे 'घड़ी' का चुनाव चिह्न दिया, जबकि शरद पवार समूह को एनसीपी (एसपी) का नाम दिया गया और उसका चुनाव चिह्न 'तुतारी बजाता हुआ आदमी' रखा गया.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होंगे, जबकि नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.