
हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर 1 अक्टूबर को मतदान होगा, जबकि चुनाव के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे. इससे पहले आजतक ने 'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे किया. इस सर्वे के मुताबिक हरियाणा के 27 फीसदी लोगों का कहना है कि वह सरकार के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 44 फीसदी लोगों का कहना है कि वह सरकार के काम से असंतुष्ट हैं, साथ ही 25 फीसदी लोग कुछ हद तक सरकार के कामकाज से खुश हैं.
बता दें कि आजतक का MOTN सर्वे 15 जुलाई से 10 अगस्त के बीच किया गया था. इसका सैंपल साइज 1,36,463 रखा गया था. सर्वे में सभी 543 लोकसभा सीटों को शामिल किया गया था.
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क्या है हरियाणा का सबसे बड़ा मुद्दा?
सर्वे के दौरान जनता से हरियाणा के सबसे बड़े मुद्दे पर सवाल पूछा गया तो 45 फीसदी लोगों ने कहा कि सूबे में बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है, जबकि सिर्फ 3 फीसदी लोगों ने कहा कि करप्शन बड़ा मुद्दा है, जबकि 14 फीसदी लोगों का कहना है कि महंगाई बड़ा मुद्दा है. हालांकि 13 फीसदी लोग विकास को, 3 फीसदी लोग कानून व्यवस्था को, 2 फीसदी लोग किसानों से जुड़े मुद्दे को बड़ा मानते हैं.
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सीएम सैनी के प्रदर्शन को लेकर क्या है लोगों की राय?
हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, इसे देखते हुए सर्वे में मुख्यमंत्री के प्रदर्शन से जुड़ा सवाल पूछा गया तो 22 फीसदी लोग ही सीएम सैनी के प्रदर्शन से संतुष्ट हैं, जबकि 40 फीसदी लोग मुख्यमंत्री के काम से संतुष्ट नहीं है. 19 फीसदी लोग ऐसे हैं जो सीएम के काम से कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
विपक्ष की भूमिका से कितने फीसदी लोग संतुष्ट?
हरियाणा में विपक्ष की भूमिका से कितने फीसदी लोग संतुष्ट हैं, इस सवाल पर 31 फीसदी लोगों ने सहमति जताई, जबकि 34 फीसदी लोगों ने कहा कि वह विपक्ष की भूमिका से संतुष्ट नहीं है, हालांकि 22 फीसदी लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं.
सांसदों के प्रदर्शन को लेकर क्या है राय?
'मूड ऑफ द नेशन' सर्वे के मुताबिक हरियाणा में 29 फीसदी लोग सांसदों के प्रदर्शन से संतुष्ट है, जबकि 21 फीसदी लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं, वहीं 38 फीसदी लोग ऐसे हैं, जो सांसदों को कामकाज से असंतुष्ट हैं.
विधायकों के प्रदर्शन से 40 फीसदी लोग नाखुश
अगर बात विधायकों के प्रदर्शन की बात करें तो 33 फीसदी जनता सूबे के MLAs के कामकाज से संतुष्ट हैं, जबकि 20 फीसदी कुछ हद तक संतुष्ट हैं, वहीं 40 फीसदी लोग विधायकों के प्रदर्शन से नाराज हैं.
हरियाणा में पीएम पद के लिए पहली पसंद कौन?
प्रधानमंत्री पद के लिए हरियाणा की 51 फीसदी जनता की पहली पसंद पीएम मोदी बने हुए हैं, जबकि 41 फीसदी जनता की पसंद राहुल गांधी हैं.
2024 लोकसभा चुनाव के हिसाब से विधानसभा में कौन आगे?
सर्वे में ये जानने की कोशिश की गई कि 2024 लोकसभा चुनाव के हिसाब से विधानसभा में कौन आगे है, तो सामने आया कि रेस में सबसे आगे बीजेपी चल रही है, बीजेपी 44 सीटों के साथ टॉप पर है, भारतीय जनता पार्टी को 46.1 फीसदी वोट मिल सकता है, जबकि कांग्रेस को 42 सीटें मिल सकती है, जबकि पार्टी को 43.7 फीसदी वोट मिल सकता है. वहीं अन्य के खाते में 4 सीटें जाने का अनुमान है. बात जेजेपी और आईएनएलडी की करें तो दोनों दलों में सीटों का सूखा हो सकता है. वहीं जेजेपी को 0,9 फीसदी तो आईएनएलडी को 1.7 फीसदी वोट शेयर मिल सकता है.
क्या है हरियाणा का सियासी समीकरण?
बता दें कि सूबे की सत्ता पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी काबिज है. 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 36.7 फीसदी वोट शेयर के साथ 40 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी. तब कांग्रेस को 28.2 फीसदी वोट मिले थे और पार्टी 31 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही थी. दुष्यंत चौटाला की नई-नवेली जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) 14.9 फीसदी वोट शेयर के साथ 10 सीटें जीतने में सफल रही थी.
इसके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी ने एक फीसदी से भी कम वोट शेयर के साथ एक सीट पर जीत हासिल की थी. 7 निर्दलीय भी चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचने में सफल रहे थे. हालांकि कोई भी पार्टी बहुमत के लिए जरूरी 46 सदस्यों के जादुई आंकड़े तक नहीं पहुंच पाई थी.
नतीजों के बाद बीजेपी ने जेजेपी, हरियाणा लोकहित पार्टी और निर्दलीयों के समर्थन से सरकार बना ली थी. लेकिन बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से पहले जेजेपी से गठबंधन तोड़कर मनोहरलाल खट्टर की जगह नायब सिंह सैनी को सीएम बना दिया था.