केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सरकार को विषकन्या करार दिया है. गडकरी ने कहा, सभी सरकारों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, उससे दूरी बनाए रखना बेहतर है. सरकार विषकन्या की तरह होती है, जिसके साथ जाती है, उसे डुबो देती है. आप इन लफड़ों में मत पड़िए. गडकरी ने यह बयान सब्सिडी काे लेकर दिया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने लड़की बहन योजना शुरू की है, इससे दूसरे सेक्टर की सब्सिडी के भुगतान पर असर पड़ सकता है. गडकरी का कहना था, सब कुछ सरकार के भरोसे नहीं होता है. एंटरप्रेन्योर को भी इन्वेस्टमेंट के लिए आगे आना चाहिए. कोई भी पार्टी की सरकार हो, सरकार को दूर रखो. सरकार विषकन्या होती है. जिसके साथ जाती है उसको डुबती है. आप इनके लफड़े में मत पड़ो. जो सब्सिडी लेना है- ले लो, लेकिन वो कब मिलेगी, कुछ मिलेगी- कोई भरोसा नहीं होता.
नागपुर में रविवार को गडकरी ने कहा, 'अभी अनिश्चित है कि इन्वेस्टर्स को समय पर सब्सिडी का भुगतान मिलेगा या नहीं, क्योंकि सरकार को लड़की बहन योजना के लिए भी फंड आवंटित करना है.'
गडकरी ने आगे कहा, मेरे बेटे ने पूछा- सब्सिडी कब मिलेगी. मैंने कहा- मिल सकती है भगवान से प्रार्थना करो. अभी लाडकी बहन योजना (महाराष्ट्र में) शुरू हुई तो सरकार को सब्सिडी का पैसा वहां भी देना पड़ा. टेक्सटाइल वालों को पावर की सब्सिडी नहीं मिली. टेक्सटाइल बंद होने के कगार पर थे. क्योंकि उनको सब्सिडी नहीं मिली. हम हमारे भरोसे चीजों को प्लान करें.
गडकरी के बयान के बाद NCP (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (UBT) ने भी महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि जब सरकार में बैठे लोग ही कह रहे हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था संकट में है तो यह चिंता का विषय है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'महाराष्ट्र के विदर्भ के उद्यमियों को निवेश के लिए आगे आना चाहिए, क्योंकि सब कुछ सरकार पर नहीं छोड़ा जा सकता. मेरी राय है कि सरकार चाहे किसी भी पार्टी की हो, सरकार को दूर रखें.' गडकरी ने मजाकिया अंदाज में कहा कि सरकार एक 'विषकन्या' की तरह है, जो जिसके साथ जाती है उसे बर्बाद कर देती है. इसलिए उस मामले में मत पड़ो.
'सब्सिडी मिल रही है तो लीजिए'
केंद्रीय मंत्री ने कहा,'अगर आपको सब्सिडी मिल रही है तो लीजिए, लेकिन यह भी पक्का नहीं है कि सब्सिडी कब मिलेगी. गडकरी ने कहा कि लड़की बहन योजना के चलते सब्सिडी के लिए आवंटित की गई राशि का इस्तेमाल उसी काम (लड़की बहन योजना) के लिए ही करना होगा.'
संजय राउत ने साधा निशाना
गडकरी के बयान पर शिवसेना सांसद संजय राउत का भी बयान आया है. उन्होंने कहा,'गडकरी ने इस मुद्दे पर सही बयान दिया है. अगर ऐसे समय में जब राजकोष में पैसों की कमी है और सरकार दूसरी योजनाओं को निलंबित कर रही है, धन का गलत इस्तेमाल और मिसमैनेजमेंट हो रहा है तो क्या केंद्र सरकार की (राज्य की योजना के संबंध में) कोई जिम्मेदारी है?'
सुप्रिया सुले ने भी जताई चिंता
गडकरी के बयान पर टिप्पणी करते हुए एनसीपी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले ने राज्य की आर्थिक स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा है कि सरकार और अर्थशास्त्री लगातार कह रहे हैं कि राज्य वित्तीय संकट में है. चाहे गडकरी हों, MNS प्रमुख राज ठाकरे हों या अर्थशास्त्रियों के बयान हों. सरकार के करीबी तटस्थ लोग भी लगातार कह रहे हैं कि राज्य की अर्थव्यवस्था संकट में है.
हर साल 46 हजार करोड़ का बोझ
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार की 'मुख्यमंत्री मांझी लड़की बहिन योजना' के तहत 21-65 साल की विवाहित, तलाकशुदा और निराश्रित महिलाओं को 1,500 रुपये हर महीने दिये जायेंगे. हालांकि, जो भी परिवार इस योजना का फायदा उठाना चाहता है, उसके लाभार्थियों की सालाना पारिवारिक आय 2.5 लाख रुपये तक ही होनी चाहिए. महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले शुरू की गई इस योजना से राज्य के खजाने पर हर साल 46 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने की उम्मीद है.