जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर राशिद ने आजतक के खास कार्यक्रम 'पंचायत आजतक' में शिरकत की और कई सवालों के जवाब दिए. एक दिन पहले ही तिहाड़ जेल से रिहा हुए इंजीनियर राशिद ने बताया कि जेल में उनके दिन कैसे बीते. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में न ही वह बीजेपी के साथ हैं और न इंडिया गठबंधन के साथ. इंजीनियर राशिद ने स्थानीय पार्टियों की ओर से लगाए जा रहे वोट काटने के आरोपों का भी जवाब दिया.
इंजीनियर राशिद ने कहा, 'पूरे देश को लगता था कि इंजीनियर राशिद मर चुका है, कभी लौटकर नहीं आएगा लेकिन मेरे लौटकर आने का मतलब है कि सच्चाई की जीत हुई है. NC, PDP कहती है कि वोट काटने के लिए आए हैं, मैं उन्हें ये कहूंगा कि ये कश्मीर उनके बाप की जागीर नहीं है. ये बोलकर वो वोटरों की समझ पर सवाल उठा रहे हैं. मुझे किसी के हारने या अपने जीतने की खुशी नहीं है, मुझे खुशी इस बात की है कि मेरी जीत मोदी जी के 'नया कश्मीर' विजन की हार है.'
'जेल इज मिनी इंडिया'
उन्होंने कहा, 'मोदी जी ने 5 अगस्त 2019 को कश्मीरियों के साथ बहुत गलत किया. रामराज्य की बात करने वालों ने कश्मीरियों की सांसें और पानी तक रोक दिया. उनको कश्मीरियों ने मेरी जीत के रूप में ये पैगाम दिया कि मोदी जी डरो मत, डराओ मत. मेरे लोग ही मेरी ताकत. मुझे उम्मीद है कि हमारे लोग आगे भी इतना अच्छा करेंगे कि पीडीपी, बीजेपी, NC और बाकी जो छोटी-छोटी पार्टियां हैं उन्हें पता चलेगा कि वो कितना पानी में डूब चुके हैं.'
राशिद ने कहा, 'जेल इज मिनी इंडिया. वहां मैंने पूरे देश के लोग देखे. वहां जो इज्जत मुझे लोगों ने दी, हर धर्म के लोगों ने दी, मेरी सात पीढ़ियां उनका एहसान नहीं चुका सकतीं. जिस दिन मैं चुनाव जीता 2 लाख की मिठाई गैर-मुस्लिम दोस्तों ने तिहाड़ जेल में बांटी. काश ये असल हिंदुस्तान होता. मैं इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं क्योंकि मुझे पीएम मोदी को दिखाना है कि कश्मीरी उनकी खराब नीतियों को नकार रहे हैं. जो कुछ भी आपने किया वो कश्मीरियों को कुबूल नहीं है.'
'मेरी सीता के बारे में किसी ने नहीं सोचा'
उन्होंने कहा, '18 जनवरी 2024 को, हमारे हर साथी को रोज 5 मिनट फोन के मिलते हैं, मेरा वो भी काट दिया, आप जेल रिकॉर्ड्स चेक कर सकते हैं. मुझे पागलों और दिव्यांग लोगों के वार्ड में डाला गया, मेरा एक टाइम का खाना बंद कर दिया गया. हालांकि वो प्रशासन बहुत बढ़िया था लेकिन उनकी मजबूरी थी. उन पर दबाव था. मैं भी चाहता हूं कि भारत में रामराज्य आए लेकिन सचमुच का रामराज्य, मोदी जी वाला रामराज्य नहीं.'
राशिद ने कहा, 'सीता जी की फिकर तो थी लेकिन मेरी सीता के बारे में नहीं सोचा वो साढ़े पांच साल से क्या कर रही है. मोदी जी कहते हैं वसुधैव कुटुंबकम, कैसा वसुधैव कुटुंबकम. कह दो कि कश्मीरी हमारे वसुधैव कुटुंबकम का हिस्सा नहीं हैं. आप हमारे साथ कॉलोनी जैसा व्यवहार कर रहे हैं. मोदी जी ये चीजें मत कीजिए. हम हिंदुस्तान के हमदर्द हैं. हम चाहते हैं ये देश सुपरपावर बने, 47 तक दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने.'
'जीता मैं हूं तो मैं वोट कैसे काटूंगा'
उनसे पूछा गया, आपको पैसे कहां से मिलते हैं. विपक्षी कहते हैं कि दिल्ली से पैसा मिल रहा है. कहते हैं कि दाल में कुछ काला है. राशिद ने जवाब दिया, 'दाल में कुछ काला नहीं है, पूरी दाल ही काली है. मैं साढ़े पांच साल से तिहाड़ जेल में हूं. 18 जनवरी से मेरा फोन भी बंद करवा दिया गया, जिस दिन मैं एमपी बना उस दिन मुझे पता चला कि मैं सांसद बन गया हूं. मैं समाज से पूरी तरह कटा हुआ था. जो बंदा साढ़े पांच साल से UAPA में बंद हो, मेरी आंटी का निधन हो गया, मुझे पैरोल नहीं मिली. मुझे क्या पता पर्दे के पीछे से कैसे कहानियां होती हैं.'
उन्होंने कहा, 'जो लोग आरोप लगा रहे हैं कि पर्दे के पीछे से दिल्ली मेरा साथ देती है इसका मतलब है कि उन्हें पता है कि दिल्ली कैसे चलाती है, कैसे पैसा देती है. हमें पैसों की जरूरत नहीं पड़ती है, जिसके साथ लोग होते हैं उन्हें पैसों की जरूरत नहीं पड़ती. जब मैं जेल में था उस वक्त किसने पैसा दिया. लोग कहते हैं कि वोट काट रहा है, बीजेपी का एजेंट है... जीता मैं हूं तो मैं वोट कैसे काटूंगा.'
कांग्रेस या बीजेपी किसके साथ?
उनसे पूछा गया, आपकी चुनावी तैयारी कैसी है. अगर आप जम्मू-कश्मीर में चुनाव जीतते हैं तो इंडिया गठबंधन के साथ रहेंगे या किसी के साथ नहीं जाएंगे. राशिद ने जवाब दिया, 'जब मैं निकला और मैंने देखा तो मुझे लगा कि लोग तैयार हैं, मुझे कोई तैयारी करनी ही नहीं है. ये दोनों ठगबंधन हैं. राहुल गांधी और मोदी जी के गठबंधन में कोई फर्क नहीं है. फर्क बस इतना है कि मोदी जी कश्मीरियों को सामने से मारते हैं और ये कांग्रेस वाले पीछे से मारते हैं. अगर राहुल जी और उनका इंडिया गठबंधन इतना कह दे कि अगर संसद में उन्हें बहुमत मिलता है तो वो अनुच्छेद 370 वापस लाएंगे तो मैं सभी 90 सीटों पर उनका समर्थन करूंगा.'
लोकल पार्टियों के आरोप पर क्या बोले?
उनसे पूछा गया, एक नैरेटिव बनाया जा रहा है स्थानीय पार्टियों की ओर से कि इंजीनियर राशिद को अभी क्यों छोड़ा गया है, जब उनका अपना लोकसभा का चुनाव था तब तो उन्हें नहीं छोड़ा गया. आपको बीजेपी के साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है. उसे कैसे काउंटर करेंगे.
उन्होंने जवाब दिया, 'वो कोई भी लोकल पार्टियां नहीं हैं. उनमें सिर्फ ब्रैंड लगा है और अंदर से सब गोलमाल है. कोई बीजेपी के पीछे चल रहा है, कोई कांग्रेस के पीछे चल रहा है. अफसोस की बात है. ये लोग ज्यूडिशियरी पर सवाल उठाते हैं. दूसरी बात, एमपी मैं बना, उमर अब्दुल्ला चुनाव हार गए, मैडम चुनाव हार गईं वो अब मुझे कह रहे हैं कि मैं वोट काटने आया हूं. मैं कह रहा हूं कि तुम मेरे वोट काट रहे हो. तुम घर बैठो, लोगों ने तुम्हें हराया है. मत लड़ो चुनाव.'
'मुझे उमर अब्दुल्ला पर दया आई'
राशिद से पूछा गया, क्या आपको उम्मीद थी कि आप चुनाव जीतोगे? उन्होंने जवाब दिया, 'मुझे अपने लोगों पर उम्मीद थी. कुछ लोग कहते हैं कि मुझे सहानुभूति का वोट मिला है. 2019 में भी मैंने सांसद का चुनाव लड़ा था. मैं सिर्फ 24-25 हजार वोटों से हारा. पांच क्षेत्रों में मैंने लीड हासिल कर ली थी लेकिन मेरे क्षेत्र में पोलिंग के दिन एक सोचे-समझे मंसूबे के तहत एक युवक की हत्या करवा दी गई ताकि वोटिंग प्रतिशत कम हो. नहीं तो मैं 2019 में ही संसद पहुंच गया होता.'
राशिद ने कहा, 'जब मेरे बेटे ने फॉर्म भरा उमर साहब ने कहा कि काश मुझे पहले पता होता, मैं चुनाव लड़ता नहीं. कुछ दिन आगे चले, हम चुनाव जीत गए तो फिर कहा कि ये तो इस्लामिक कट्टरपंथी की जीत है. मैं उनसे कहना चाहता हूं कि मुझे इस्लामिक होने पर गर्व है और कोई भी इस्लामिक कट्टरपंथी नहीं हो सकता. वो पहले तय कर लें कि क्या मैं बीजेपी के साथ हूं, इस्लामिक हूं या कट्टरपंथी हूं.'
उन्होंने कहा, 'उमर साहब ने टोपी नीचे उतारकर वोट के लिए भीख मांगी, मुझे उन पर दया आई, बिल्कुल अच्छा नहीं लगा. एक चीफ मिनिस्टर, जिनके पिता दो-तीन बार सीएम रहे, जिनके दादा ने हिंदुस्तान को कश्मीर गिफ्ट कर दिया वो अब एक एमएलए बनने के लिए भीख मांग रहा है. वहीं इंजीनियर राशिद का बेटा और उसके लोग निकलते हैं और जेल से मुझे चुनाव जिताते हैं.'
क्या जेल में केजरीवाल से हुई मुलाकात?
इंजीनियर राशिद से पूछा गया, 'क्या तिहाड़ जेल में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात हुई?' जवाब में उन्होंने हंसते हुए कहा, 'एक और केस लगाना है क्या?' राशिद बोले, 'नहीं, वो दूसरी जेल में थे. आप मुझे उनके साथ क्यों जोड़ रहे हैं. वो बहुत बड़े आदमी हैं. मेरी उतनी औकात कहां? मैं उनसे कभी नहीं मिला.'