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खुद कांग्रेस तो भाई बीजेपी में... पांचवीं बार विधायकी की रेस में हैं भूतपूर्व चांद मोहम्मद उर्फ चंद्रमोहन

पंचकूला विधानसभा हरियाणा चुनाव की हॉट सीटों में से एक है. यहां मुकाबला पूर्व सीएम भजनलाल के पुत्र और पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन कांग्रेस के उम्मीदवार हैं तो वहीं बीजेपी से विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता मैदान में हैं. चंद्रमोहन के भाई कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में हैं.

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हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM चंद्रमोहन (फाइल फोटो)
हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM चंद्रमोहन (फाइल फोटो)

हरियाणा चुनाव के दौरान जिन सीटों को लेकर सबसे अधिक बात हो रही है, पंचकुला भी उनमें से एक है. हरियाणा की मिनी राजधानी कहे जाने वाले पंचकुला में दो कद्दावर नेता आमने-सामने हैं. इस सीट से लगातार दो बार के विधायक ज्ञानचंद गुप्ता भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के टिकट पर जीत की हैट्रिक लगाने के लिए जोर लगा रहे हैं. ज्ञानचंद गुप्ता हाल तक हरियाणा विधानसभा के स्पीकर भी रहे. वहीं, सूबे के पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन पांचवीं बार विधानसभा में पहुंचने की कोशिश में हैं.

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पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे चंद्रमोहन कालका सीट से चार बार विधायक रहे हैं. साल 1993 में उपचुनाव जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे चंद्रमोहन 1996, 2000 और 2005 में भी कालका सीट से विधायक निर्वाचित हुए. तीन दशक से हरियाणा की सियासत में सक्रिय चंद्रमोहन कांग्रेस में हैं और उनके भाई कुलदीप बिश्नोई बीजेपी में. कांग्रेस ने साल 2009 और 2014 में चंद्रमोहन को टिकट नहीं दिया. 2019 के चुनाव में भी पार्टी ने उन्हें पंचकुला सीट से ही उतारा था लेकिन तब वे बीजेपी के ज्ञानचंद गुप्ता से हार गए थे.

हरियाणा की फिजा में चंद्रमोहन की मोहब्बत के किस्से

हरियाणा की फिजा में पूर्व डिप्टी सीएम चंद्रमोहन की मोहब्बत के किस्से आज भी हैं. चंद्रमोहन बिश्‍नोई की प्रेम कहानी साल 2008 में सामने आई थी जब वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई वाली सरकार में डिप्टी सीएम थे. चंद्रमोहन हरियाणा की तत्कालीन असिस्‍टेंट एडवोकेट जनरल अनुराधा बाली से मोहब्बत कर बैठे थे.

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चंद्रमोहन बिश्नोई चाहते थे कि अनुराधा से शादी करें लेकिन अड़चन ये थी कि वे पहले से ही शादीशुदा थे. हिंदू मैरिज एक्ट रोड़ा बन गया जिसके मुताबिक पहली पत्नी को तलाक दिए बगैर दूसरी शादी नहीं की जा सकती. समस्या यह थी कि चंद्रमोहन और अनुराधा, दोनों ही हिंदू थे. इस अड़चन को दूर करने के लिए चंद्रमोहन ने धर्म परिवर्तन का रास्ता चुना.

चंद्रमोहन से चांद मोहम्मद, फिर चंद्रमोहन बने

चंद्रमोहन धर्म परिवर्तन कर चांद मोहम्मद बन गए और अनुराधा का नाम रखा गया फिजा. चंद्रमोहन बिश्नोई 7 दिसंबर 2008 को अनुराधा बाली के साथ मीडिया के सामने आए धर्म परिवर्तन कर शादी कर लेने की जानकारी दी और नया नाम भी बताया. चांद मोहम्मद बने चंद्रमोहन का प्रेम विवाह सुर्खियां बन गया. सियासी गलियारों में बवंडर मच गया, फतवे भी जारी होने लगे और इन सबके बीच खफा पिता भजनलाल ने भी उन्हें संपत्ति से बेदखल कर दिया.

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चंद्रमोहन लंबे समय तक गायब रहे और फिर जब लौटे, रीति-रिवाज से बिश्नोई समाज में वापसी कर पहली पत्नी को अपनाया भी. लेकिन कुछ ही समय बाद फिर से फिजा के साथ रहना शुरू कर दिया. बाद में फिजा ने आत्महत्या कर ली थी. चंद्रमोहन, चांद मोहम्मद से भूतपूर्व चांद मोहम्मद बन गए, पुराना नाम और पुरानी पहचान भी आत्मसात कर ली, लेकिन हरियाणा की फिजा में ऐसी प्रेम कहानी रह गई जिसके चर्चे आज भी होते हैं. 

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कैसे हैं पंचकुला के समीकरण

पंचकुला की जंग में चंद्रमोहन अपने पिता पूर्व सीएम भजनलाल की लेगेसी है. 10 साल की एंटी इनकम्बेंसी भी ज्ञानचंद गुप्ता के खिलाफ जाने की उम्मीद लगाए चंद्रमोहन को अग्रवाल समाज का भी समर्थन मिल रहा है. वहीं, ज्ञानचंद गुप्ता डबल इंजन की सरकार में हुए काम और नरेंद्र मोदी के चेहरे से वोट की उम्मीद है.

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इस विधानसभा क्षेत्र के समीकरणों की बात करें तो यहां पंजाबी और वैश्य समाज के मतदाताओं की तादाद अधिक है. इन दो वर्गों का समर्थन जीत-हार तय करने में निर्णायक भूमिका निभाता है. हरियाणा विधानसभा की सभी 90 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे. चुनाव नतीजे 8 अक्टूबर को आएंगे.

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