पानीपत की समालखा विधानसभा सीट से कांग्रेस ने एक बार फिर धर्म सिंह छोक्कर को अपना प्रत्याशी बनाया है. धर्म सिंह छौक्कर समालखा से दो बार विधायक रह चुके हैं. उन्हें तीसरी बार टिकिट मिला है. गुरुग्राम में उनका रियल एस्टेस्ट से लेकर पेट्रोल पंप तक, कई सारे बिजनेस हैं. वह भूपेंद्र हुड्डा के बेहद करीबी माने जाते हैं. बीजेपी ने इस सीट से मनमोहन भड़ाना को टिकट दिया है. धर्म सिंह छौक्कर और मनमोहन भड़ाना दोनों गुर्जर समाज से आते हैं.
दरअसल, समालखा सीट पर गुर्जर मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. इसीलिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने इसी समुदाय के नेताओं पर दांव लगाया है. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है, क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस के अलावा दो मजबूत निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में हैं. पूर्व विधायक रविंद्र मछरौली जो जाट समाज से आते हैं, इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ेंगे. समालखा में गुर्जरों के बाद जाट मतदाता सर्वाधिक हैं.
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समालखा में निर्दलीय बढ़ाएंगे बीजेपी-कांग्रेस की टेंशन
रविंद्र मछरौली यहां से एक बार निर्दलीय विधायक भी रह चुके हैं. वहीं गुर्जर समाज से आने वाले बीजेपी के बागी नेता संजय छौक्कर ने भी समालखा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. टिकट नहीं मिलने के कारण नाराज होकर उन्होंने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है. वह बीजेपी की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य थे. उनके साथ बीजेपी के 50 कार्यकर्ताओं ने भी सामूहिक इस्तीफा दे दिया.
भाजपा के लिए समालखा विधानसभा क्षेत्र एक दूर का सपना रहा है क्योंकि भगवा पार्टी यहां अभी तक सफलता का स्वाद नहीं चख सकी है. कांग्रेस अपनी सीट बरकरार रखने के लिए मैदान में उतरेगी. दोनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है. इस सीट पर कुल 13 विधानसभा चुनावों में से पांच बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. समालखा विधानसभा क्षेत्र को जीटी रोड बेल्ट के प्रमुख निर्वाचन क्षेत्रों में से एक माना जाता है, लेकिन यहां भाजपा कभी नहीं जीत पाई.
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बीजेपी 2014 की लहर में भी हार गई थी समालखा सीट
2014 में भाजपा की लहर में भी समालखावासियों ने निर्दलीय विधायक रविंदर मछरौली को चुना और 2019 में बीजेपी की दूसरी लहर में कांग्रेस प्रत्याशी धर्म सिंह छोक्कर को अपना विधायक चुना. 2009 में यहां से धर्म सिंह छौक्कर ने हरियाणा जनहित कांग्रेस (एचजेसी-भजन लाल) के टिकट पर कांग्रेस उम्मीदवार संजय छौक्कर को हराकर जीत दर्ज की थी. लेकिन बाद में उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का समर्थन किया.
2014 में, भाजपा ने जीटी रोड बेल्ट पर लगभग सभी सीटें जीतीं, लेकिन समालखा में, स्वतंत्र उम्मीदवार रविंदर मछरौली ने कांग्रेस उम्मीदवार धर्म सिंह छौक्कर को हरा दिया. हालांकि बाद में उन्होंने भाजपा का समर्थन किया. 2019 में, कांग्रेस ने फिर से पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के वफादार धर्म सिंह छौक्कर को सीट से मैदान में उतारा और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार शशिकांत कौशिक को 14,942 वोटों के अंतर से हराकर यहां जीत हासिल की.