Jammu and Kashmir Panchayat Aaj Tak 2024: जम्मू-कश्मीर की 90 विधानसभा सीटों पर होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले घाटी का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. इसी सियासी पारे का मिजाज जानने के लिए आजतक एक खास कार्यक्रम 'पंचायत आजतक' दूसरे सत्र 'PDP को मिलेगी पावर?' में पीडीपी नेता और पार्टी की कैंपेन इंचार्ज इल्तिजा मुफ्ती ने शिरकत की और तमाम सियासी सवालों के जवाब दिए. उन्होंने कहा कि कश्मीरी वोटर का दिमाग पढ़ना असंभव है, जो दिल में होता है वो कभी जाहिर नहीं करते हैं.वो तब जाहिर करते हैं जब वोट डालने जाते हैं.
बैकरूम रणनीति तैयार करने और अपने लिए रणनीति बनाने में क्या फर्क है? इस सवाल का जवाब देते हुए इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि मेरी अपनी पहचान है, लोग मुझे जानते हैं कि इल्तिजा,जब मैं प्रचार करने के लिए जाती हूं तो मुझे कहते हैं कि हम आपके लिए वोट कर रहे हैं. मेरी अपनी पहचान है, मुफ्ती परिवार के अलावा.
मैं दबंग टाइप की हूं- इल्तिजा
उन्होंने कहा, 'मैं इतने सारे गांवों मैं जाती हूं कि वहां लोगों के पास पीने के पानी का कनेक्शन नहीं है, रोड़ नहीं है. मैने महबूबा मुफ्ती की जिद अपनाई है. मैं थोड़ा दबंग टाइप की हूं महबूबा जी भावुक हैं. मुझे लोगों ने बोला कि राजनीति में जाओगी तो वहां सुनना सबकी और करना अपनी.'
पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती राज्य की बिजबेहरा सीट से चुनाव लड़कर अपने सियासी करियर का आगाज कर रही हैं. वह मुफ्ती परिवार की तीसरी पीढ़ी है, जो इस सीट से चुनाव लड़ रही हैं.
'मेरे लिए इज्जत जरूरी'
जिस सफर में आप निकली हैं, उसमें किसका पीछा कर रही हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए इल्तिजा ने कहा, 'मैं लोगों को कुछ राहत दे पाऊं और उनकी आंखों में कुछ इज्जत देखूं. वोट बैंक के जरिए वोट करना आसान होता है लेकिन जब यहां कोई लीडर दफन किया जाता है तो उसकी रेपुटेशन भी दफन की जाती है. कश्मीर में पॉलिटिक्स में रहने का मलतब से गालिब का एक शेर याद आता है कि इश्क आग का दरिया है, मुझे लगता है कि जम्मू कश्मीर में सियासत आग का दरिया है यहां सब कंज्यूम हो जाता है. मेरा मकसद यही रहेगा कि लोग मुझे समझें, मिसअंडरस्टैंड ना करें. बहुत बड़ी चीज होगी अगर वो मुझे प्यार देंगे, लेकिन मेरे लिए इज्जत मैटर करती है.'
यहां लोगों को नौकरी से निकाला गया- इल्तिजा
आपका एजेंडा क्या जम्मू कश्मीर के युवाओं के लिए? इस सवाल पर इल्तिजा ने कहा, 'हम पिछले पांच साल से देख रहे हैं कि दिल्ली में जो सरकार बैठी है वो हमें अपनी जमीन, नौकरियों से बेदखल करने की कोशिश कर रही है. एलजी साहब से आपने पूछना था कि आपने कितने युवाओं को नौकरी से निकाला है. मैं बिजबेहरा के कितने गांवों-कस्बों मे गई हूं जहां वे कहते हैं कि हमारे बेटे-पति सरकारी नौकर थे उन्हें ऐसे ही नौकरी से निकाल दिया गया. मैंने पूछा क्यों तो जवाब मिला कि 10 साल पहले उन्होंने फेसबुक पर कुछ लिख दिया था. यहां युवा बहुत नाउम्मीदी से गुज रहे हैं. कश्मीर में एक ड्रग क्राइसिस भी है. हमारे नौजवान ड्रग्स में भी जा रहे हैं.'
इंजीनियर रशीद की जीत किया जिक्र
नए कश्मीर से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए इल्तिजा ने कहा, 'मेरे साल कल बहुत सारे मीडियाकर्मी थे. आप यकीन नहीं करेंगे कि बहुत सारी औरतें होंगी जो कैमरा पर रोती हैं और कहती हैं कि उन्हें पुलिस ले गई है और उन पर यूएपीए लगा दिया गया है.जेल में कितने साल से हैं. दुकान यहां खुली हैं, बच्चे स्कूल कंप्लीट कर रहे हैं लेकिन ये नॉर्मल्सी नहीं है. क्योंकि अगर लोगों के अंदर अगर दर्द नहीं होता तो इंजीनियर रशीद जो जीतते नहीं, जो 2 लाख वोटों से जीते. वो क्या सेंटीमेंट के बारे में बात करते हैं- आजादी सेटीमेंट, रेफरेंडम सेंटीमेंट... तो ये तो उनकी जीत हुई, दिल्ली की सरकार की सबसे बड़ी हार हुई.'
कश्मीर के रियल इश्यू क्या हैं? इसके सवाल के जवाब में इल्तिजा ने कहा, 'यहां पर बात करने की आजादी नहीं है. जहां कभी आतंकवाद नहीं होता था- डोडा, राजौरी, पुंछ, जम्मू.. कितने हमारे शहीद हो रहे हैं. ये तो दुकान खुली का मतलब ये नहीं है कि सब चंगा है.'
इल्तिजा ने क्यों सुनाया लालू और क्लिंटन का किस्सा
इल्तिजा ने कहा 'मुफ्ती साहब की कोशिश थी कि हम मोदी जी को मॉडरेट कर पाएंगे. मैं एक जोक बताऊंगी कि लालू जी को भेजा जाता है अमेरिका में बिल क्लिंटन के पास क्योंकि बिल क्लिंटन लालू जी को अंग्रेजी सिखाएंगे. दो महीने बाद वहां जब प्रेस पहुंचती है तो बिल क्लिंटन टेबल पर पांव रखे होते हैं और कहते हैं ललवा पान कहां है... तो हमने सोचा हम मोदी जी को बदलेंगे, उन्होंने तो पूरे इंडिया को बदल दिया. हमने सोचा हम उनको एक सेक्युलर माइंडसेट करेंगे या मॉडरेट करेंगे, पूरी इंडिया ही पागल हो गई, कहने का मतलब है कि मुसलमान, मुसलमान, कोविड स्प्रेडर..मुफ्ती साहब की नियत तो साफ थी. उन्होंने वाजपेयी जी के साथ काम किया.आप देखिए वाजपेयी जी लाहौर बस लेकर गए कोई कांग्रेस का प्राइम मिनिस्टर भी करेगा, नहीं.. हमने सोचा कि हम बीजेपी को मॉडरेट करेंगे लेकिन उन्होंने तो बांकियों को पागल कर दिया.'
जमात के सवाल पर कही ये बात
जमात-ए-इस्लामी के चुनाव लड़ना क्या आपके लिए खतरा है? इस पर इल्तिजा ने कहा, 'जमात अगर चुनाव लड़ना चाहती है तो क्या दिक्कत है. जमात कितना अच्छा काम करती है बच्चों को स्कूल में शिक्षा मुफ्त देती है. लेकिन उनके जो कैंडिडेट हैं, उनका अलग बैकग्राउंड है, आप देखिए वो किस पार्टी से आ रहे हैं.'
मुफ्ती साहब मोदी जी से मिले सबके सामने मिले, मोदी ने जी ने उन्हें एंब्रेस किया वो फोटो भी सबके सामने है. बांकी लोगों का मैं क्या बोलूं.मेरी फैमिली ने नहीं बल्कि पीडीपी ने बीजेपी के साथ साथ गठबंधन किया. मुफ्ती साहब की कोशिश थी कि हम मोदी जी को मॉडरेट कर पाएंगे.
यहां किसी के लिए वेव नहीं हैं- इल्तिजा
इल्तिजा ने कहा, 'यहां किसी एक पार्टी के लिए वेव नहीं है, यहां खंडित जनादेश होगा. जब खंडित जनादेश होता है तो इस सूरत में गठबंधन की सरकार बनती है. पीडीपी यहां किंगमेकर होगी, बीजेपी तो किंगमेकर की स्थित में है ही नहीं. वो साफ हो गए हैं. जम्मू में भी उनकी सीटें नहीं आनी हैं. यहां गठबंधन वाली सरकार ही बनेगी, बीजेपी की तो नहीं बनेगी. '
जब पूछा गया कि क्या आप कांग्रेस और एनसी से गठबंधन की सरकार बनाएंगे? तो इस पर इल्तिजा ने कहा, 'गांव बसा नहीं लुटेरे पहले आ गए. अभी मुर्गी ने अंडा नहीं डाला, मेरा प्रचार अभियान चल रहा है. वोटिंग हुई नहीं है. सारा जल्दी-जल्दी नहीं होता है. आराम से देखेंगे कि क्या होता है.'