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'अति आत्मविश्वास और आत्ममुग्धता से बचकर रहें', हरियाणा में झटके के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस को आलाकमान की नसीहत

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने हरियाणा का नाम लिए बिना महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से कहा कि वे आत्ममुग्ध या अति आत्मविश्वासी न बनें. एकजुट रहें और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को हराने के लिए कड़ी मेहनत करें.

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के नेताओं के साथ राज्य में पार्टी की चुनावी तैयारियों की समीक्षा की. (PTI Photo)
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के नेताओं के साथ राज्य में पार्टी की चुनावी तैयारियों की समीक्षा की. (PTI Photo)

हरियाणा में लगे झटके के बाद कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पूरी सावधानी बरत रही है. निर्वाचन आयोग किसी भी दिन महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है. हरियाणा में पराजय के बाद शीर्ष नेतृत्व ने महाराष्ट्र कांग्रेस नेताओं को अति आत्मविश्वास और आत्ममुग्धता से बचने की सलाह दी है और अपनी तैयारियों को पुख्ता करने के लिए कहा है. 

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इस सिलसिले में कांग्रेस नेतृत्व ने महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति, सीट बंटवारा, घोषणापत्र आदि को लेकर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ तीन घंटे तक मंथन किया. आगे की रणनीति पर चर्चा हुई, हालांकि बैठक में हरियाणा की हार की छाया भी रही. लेकिन किसी ने भी हार का जिक्र नहीं किया. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने हरियाणा का नाम लिए बिना महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं से कहा कि वे आत्ममुग्ध या अति आत्मविश्वासी न बनें. एकजुट रहें और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन को हराने के लिए कड़ी मेहनत करें.

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चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू की मौजूदगी में हुई मीटिंग

महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुंबई में शाम को राजनीतिक मामलों की बैठक से पहले दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष खड़गे के आवास पर एकत्र हुए. आगामी चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई. पार्टी के चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू भी इस बैठक में मौजूद थे. उन्होंने महाराष्ट्र में जातिगत और समुदायिक समीकरणों के बारे में आलाकमान को जानकारी दी. कांग्रेस के घोषणापत्र में क्या वादे शामिल किए जाएं, इस पर कनुगोलू की तरहफ से कुछ सुझाव दिए गए. बता दें कि मुंबई में महाविकास अघाड़ी में शामिल दलों के बीच साझा घोषणापत्र को लेकर भी बैठकें हो रही हैं.

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शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक में महाराष्ट्र कांग्रेस के ये नेता रहे मौजूद

महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं ने आलाकमान और चुनावी रणनीतिकार सुनील कनुगोलू को बताया कि भाजपा चुनाव का ध्रुवीकरण करने की कोशिश कर रही है और एमवीए उम्मीदवारों के खिलाफ बागियों को खड़ा करके सत्ता विरोधी वोटों को विभाजित करने की रणनीति पर काम कर रही है. कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने महाराष्ट्र के अपने नेताओं को बीजेपी के गेम प्लान को विफल करने के लिए जवाबी रणनीति तैयार करने और प्रतिद्वंद्वी पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया. महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले और पूर्व सीएम पृथ्वीराज चव्हाण, महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार, बालासाहेब थोराट, वर्षा गायकवाड़ और महाराष्ट्र चुनाव के लिए कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला इस बैठक में मौजूद रहे.

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कांग्रेस के महाराष्ट्र प्रभारी बोले- चुनाव बाद होगा CM का फैसला

आलाकमान के साथ मीटिंग के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला ने कहा कि मुख्यमंत्री का फैसला चुनाव के बाद होगा. अगले कुछ दिनों में सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे दिया जाएगा. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस के साथ शरद पवार की एनसीपी (एसपी) और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं. शिवसेना (यूबीटी) सीएम पद पर दावेदारी कर रही है. हालांकि, कांग्रेस और एनसीपी (एसपी) का रुख है कि मुख्यमंत्री के बारे में फैसला चुनाव बाद लिया जाएगा.
 

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कांग्रेस को हरियाणा में लगा झटका, J-K में ​6% गिरा वोट शेयर

हरियाणा में हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, भाजपा के खिलाफ एक दशक की सत्ता विरोधी लहर को भुनाने में नाकामयाब रही. भाजपा ने 2014 और 2019 के मुकाबले ज्यादा सीटें जीतकर हरियाणा में लगातार तीसरे चुनाव में जीत हासिल की और उसे 48 सीटें मिलीं. दूसरी ओर कांग्रेस 37 सीटों के साथ राज्य की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही, लेकिन सत्ता का वनवास नहीं खत्म कर सकी. वहीं, जम्मू-कश्मीर में भले ही इंडिया ब्लॉक (नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन) विजयी हुआ हो, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को झटका लगा. 2014 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 18 फीसदी वोटों के साथ 12 सीटें हासिल हुई थीं. इस बार वह 12% वोटों के साथ केवल 6 सीटें जीत सकी. कांग्रेस ने 38 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

वहीं, जम्मू क्षेत्र में बीजेपी ने 43 विधानसभा सीटों में से 29 सीटें जीतकर अपना दबदबा बरकरार रखा. कांग्रेस-एनसी ने मिलकर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है और उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के अगले मुख्यमंत्री बनेंगे. कांग्रेस ने वागूरा-क्रीरी, बांदीपोरा, सेंट्रल शाल्टेंग, दूरू, अनंतनाग और राजौरी में जीत हासिल की. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने 56 सीटों पर चुनाव लड़ा था और वह इनमें से 42 सीटें जीतने में कामयाब रही. 2014 में बीजेपी का वोट शेयर 22% रहा था, ​जो इस बार बढ़कर 25% से अधिक हो गया. कश्मीर घाटी में भगवा पार्टी भले ही कोई सीट नहीं जीत सकी, लेकिन उसके वोट शेयर में बढ़ोतरी देखी गई. बीजेपी ने 2014 में कश्मीर घाटी की 33 सीटों पर चुनाव लड़कर 2.5% वोट हासिल किए थे. इस बार वह सिर्फ 19 सीटों पर लड़ी थी, लेकिन उसका वोट शेयर बढ़कर 5.8% हो गया.

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