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किस हाल में हैं जीबी रोड की सेक्स वर्कर्स, दिल्ली चुनाव में सरकार से क्या हैं मांगें?

दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शहर के केंद्र में स्थित गार्स्टिन बास्टियन (जीबी) रोड पर रहने वाली सेक्स वर्कर्स आज भी बुनियादी सुविधाओं जैसे साफ पानी, नियमित बिजली और स्वच्छता से वंचित हैं.

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फाइल फोटो
फाइल फोटो

दिल्ली विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शहर के केंद्र में स्थित गार्स्टिन बास्टियन (जीबी) रोड पर रहने वाली सेक्स वर्कर्स आज भी बुनियादी सुविधाओं जैसे साफ पानी, नियमित बिजली और स्वच्छता से वंचित हैं. 5 फरवरी को होने वाले चुनाव और 8 फरवरी को वोटों की गिनती की तैयारी के बीच इन महिलाओं को उम्मीद है कि नई सरकार उनकी लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान करेगी.

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'15 महिलाएं एक वॉशरूम का करती हैं इस्तेमाल'
न्यूज एजेंसी से बात करते हुए 30 साल से सेक्स वर्कर के रूप में काम कर रही सावित्री (बदला हुआ नाम) ने कहा, 'हम भी बाकी लोगों की तरह वोट डालते हैं, लेकिन हमारी समस्याओं को कभी कोई नहीं सुनता. चार-पांच महिलाएं एक कमरे में रहती हैं और एक फ्लोर पर 10-15 महिलाएं सिर्फ एक वॉशरूम का इस्तेमाल करती हैं.'

30 वर्षीय रेशमा (बदला हुआ नाम) ने बताया कि पानी और सफाई की कमी के कारण उन्हें गंदगी में रहना पड़ता है. सुबह और रात में तीन-चार घंटे तक बिजली नहीं रहती. गर्मियों में स्थिति और खराब हो जाती है.

'नेता बस वादे करते हैं'
जीबी रोड की संकरी गलियों और कमरों में घुसते ही हालात बदतर दिखाई देते हैं. छोटे-छोटे कमरे हैं, जिनमें न तो खिड़कियां हैं और न ही ताजी हवा या रोशनी आती है. रानी (बदला हुआ नाम), पिछले 10 साल से यहां रह रही हैं. उन्होंने कहा, 'हर चुनाव में नेता आते हैं और वादे करते हैं, लेकिन हमारे हालात कभी नहीं बदले.'

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'पानी की पाइपलाइन महीनों से खराब'
नेहा (बदला हुआ नाम) ने बुनियादी सुविधाओं की कमी पर बात करते हुए कहा, 'पानी की पाइपलाइन महीनों से खराब पड़ी है. जो पानी मिलता है, वह गंदा होता है, लेकिन हमारे पास कोई और चारा नहीं है. शिकायत करने पर भी कुछ नहीं होता.'

'राशन कार्ड की समस्या'
अनिता (बदला हुआ नाम), लगभग 70 साल की हैं, उन्होंने कहा, 'हमारे पास राशन कार्ड तक नहीं हैं. कई एनजीओ आते हैं, हमारी समस्याएं सुनते हैं, लेकिन हमारी जिंदगी को थोड़ा बेहतर बनाने के लिए कुछ नहीं करते.'

जीबी रोड में हार्डवेयर की दुकान चलाने वाले एक दुकानदार ने बताया कि इस इलाके की शुरुआत ब्रिटिश काल में हार्डवेयर और मशीनरी के बाजार के रूप में हुई थी. बाद में यह इलाका ट्रांसपोर्ट हब, जैसे पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन के पास होने के कारण सेक्स वर्क के लिए जाना जाने लगा.

जीबी रोड पर 74 कोठे हैं
आज यहां लगभग 74 कोठे हैं. जहां सैकड़ों महिलाएं रहती हैं, जिनमें से कई तस्करी करके लाई गई हैं. समाज की हाशिये पर जीने वाली इन महिलाओं की आवाजें चुनावी राजनीति और नेताओं के वादों के बीच खो जाती हैं.

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