scorecardresearch
 

असली-नकली शिवसेना की लड़ाई में कौन जीत रहा जनता का परसेप्शन? महाराष्ट्र का किंग और किंगमेकर कौन

महाराष्ट्र की सियासत में एक जंग असली-नकली शिवसेना की भी चल रही है. असली-नकली शिवसेना की लड़ाई में जनता का परसेप्शन कौन जीत रहा है? मूड ऑफ द नेशन सर्वे के आंकड़े क्या संकेत कर रहे हैं.

Advertisement
X
एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे
एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे

शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में हुई बगावत के बाद महाराष्ट्र की सियासत का नक्शा बदल गया. असली और नकली पार्टी की लड़ाई चुनाव आयोग के दर तक गई. चुनाव आयोग का फैसला बागी गुटों के पक्ष में आया. शिवसेना के नाम और निशान की लड़ाई में चुनाव आयोग का फैसला एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले धड़े के पक्ष में आया. एनसीपी की जंग जीतने में अजित पवार सफल रहे.

Advertisement

उद्धव ठाकरे को अपने ही पिता की बनाई पार्टी पर दावा छोड़ नई पार्टी बनानी पड़ी. नई पार्टी शरद पवार ने भी बनाई. लेकिन एक बहस चलती रही- असली पार्टी किसके. दोनों ही दलों के चारो धड़े अपने आपको असली पार्टी बताते रहे हैं. इस पर जनता का परसेप्शन क्या है?

असली-नकली शिवसेना की लड़ाई में कौन जीत रहा परसेप्शन

उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी शिवसेना (यूबीटी) को असली शिवसेना बता रहे हैं तो वहीं शिवसेना का नाम-निशान शिंदे की अगुवाई वाले धड़े के पास है. शिंदे का भी अपना दावा रहा है. उद्धव गुट एकनाथ शिंदे को गद्दार बता जनता के बीच जाने की बात करता आया है. शिंदे गुट खुद को बालासाहब की विरासत के असली वारिस के रूप में प्रस्तुत करता रहा है. चुनाव आयोग में शिवसेना की लड़ाई हारने के बाद उद्धव जनता की अदालत से फैसले की बात करते आए हैं.

Advertisement

हाल के लोकसभा चुनाव में उद्धव की अगुवाई वाली पार्टी ने शिंदे की शिवसेना से ज्यादा सीटें जीतीं भी लेकिन फैसले के लिहाज से महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव अहम माने जा रहे हैं. सवाल है कि असली-नकली शिवसेना की लड़ाई में जनता का परसेप्शन कौन जीत रहा है? इंडिया टुडे- सी वोटर के मूड ऑफ द नेशन सर्वे के आंकड़े शिंदे गुट के लिए इस लड़ाई में शुभ संकेत दे रहे हैं.

इस सर्वे के मुताबिक सरकार के काम से जहां 25 फीसदी लोग संतुष्ट हैं, वहीं सीएम शिंदे के काम से संतुष्ट लोगों की संख्या 35 फीसदी है. सरकार के काम से 34 फीसदी लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं लेकिन सीएम के काम की बात आती है तो ये आंकड़ा भी 31 फीसदी पर आ जाता है. सीएम के काम से असंतुष्ट लोगों की संख्या भी सरकार के मुकाबले कम है. सरकार के काम से जहां 34 फीसदी लोग असंतुष्ट हैं, वहीं सीएम के काम से 28 फीसदी. बतौर सीएम एकनाथ शिंदे के बढ़े ग्राफ को परसेप्शन लड़ाई में उद्धव के मुकाबले आगे निकलने का संकेत भी कहा जा रहा है.

क्या कहते हैं जानकार

एकनाथ शिंदे को अप्रूवल रेटिंग मिल रही है. फिर तो वो गद्दारी वाला फैक्टर नहीं चल रहा. इस सवाल के जवाब में वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने कहा कि जहां तक शिंदे का सवाल है, अगर बतौर मुख्यमंत्री उनकी लोकप्रियता बढ़ रही है तो ये बीजेपी के लिए चिंता का सबब है. ये चिंता का सबब देवेंद्र फडणवीस के लिए भी है. बीजेपी शिंदे का चेहरा आगे करके चुनाव में जाएगी या देवेंद्र फडणवीस का, ये एक सवाल रहेगा.

Advertisement

एकनाथ शिंदे की पार्टी के प्रवक्ता संजय निरुपम ने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने पिछले सीएम और वर्तमान सीएम के काम का आकलन किया. जनता ने पाया कि पिछले सीएम उद्धव ठाकरे फेसबुक पर संवाद करते थे, एकनाथ शिंदे फेस-टू-फेस संवाद करते हैं, जनता के बीच रहते हैं. जनता ने इस पर मुहर लगाई है.

यह भी पढ़ें: बीजेपी, कांग्रेस और AAP के लिए हरियाणा का संदेश क्या? झारखंड के रण में कौन हावी, समझिए 4 चुनावी राज्यों का गणित

लोकसभा चुनाव में उद्धव की पार्टी के शिंदे की शिवसेना से अधिक सीटें जीतने के सवाल पर कहा कि स्ट्राइक रेट देखिए. शिवसेना ने 15 सीटों पर चुनाव लड़कर सात सीटें जीतीं. उद्धव ठाकरे की पार्टी 21-22 सीटों पर लड़कर नौ सीटें जीतीं. उन्होंने ये स्वीकार किया कि ठाकरे हैं तो उनका अपना वोट भी कुछ होगा ही. संजय निरुपम ने दावा किया कि एकनाथ शिंदे की अगुवाई में महायुति गठबंधन महाराष्ट्र चुनाव जीतकर फिर से सरकार बनाएगा.

यह भी पढ़ें: आज अगर चुनाव हों तो कितनी बदलेगी दिल्ली दरबार की तस्वीर, क्या नया सीन होगा राज्यों में? MoTN सर्वे के 10 बड़े Takeaway

अजित पर भारी पड़ा था शरद पवार गुट

हाल के लोकसभा चुनाव में शरद पवार की पार्टी अजित गुट पर भारी पड़ा था. अजित पवार की अगुवाई वाली पार्टी एक सीट ही जीत सकी थी. वहीं शरद पवार की पार्टी को आठ सीटों पर जीत मिली थी. लोकसभा चुनाव के इस नतीजे को असली एनसीपी के मैंडेट के रूप में देखा गया. विधानसभा चुनाव को असली-नकली शिवसेना के साथ ही एनसीपी की भी लड़ाई है. महाराष्ट्र के ये चुनाव उद्धव ठाकरे, एकनाथ शिंदे, शरद पवार और अजित पवार की सियासी दशा-दिशा के साथ ही यह भी निर्धारित करेंगे कि महाराष्ट्र का किंग और किंगमेकर कौन होगा?

Live TV

Advertisement
Advertisement