महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. सभी राजनीतिक दल त्योहारों के मौके पर बड़े पैमाने पर शक्ति प्रदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. दशहरा एक ऐसा त्योहार है जिसे महत्वपूर्ण कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है और महाराष्ट्र की राजनीति में इस त्योहार का बड़ा महत्व भी है.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले 12 अक्टूबर को दशहरा रैलियों का सुपर शनिवार होगा. शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे, आजाद मैदान में एकनाथ शिंदे, नागपुर में आरएसएस, भगवान गढ़ में पंकजा मुंडे और बीड में मराठा कोटा एक्टिविस्ट मनोज जारांगे दशहरा रैली का नेतृत्व करेंगे और विधानसभा चुनाव प्रचार अभियान की बिगुल फूंकेंगे.
शिवसेना के दोनों गुटों में छिड़ा वीडियो टीजर वॉर
इन सभी दशहरा रैलियों में से लोगों की नजर शिवसेना के दोनों गुटों (उद्धव गुट और एकनाथ शिंदे गुट) की रैलियों पर होगी. शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की विरासत पर दावा करते हुए दोनों गुटों के वीडियो टीजर ने पहले ही एक-दूसरे पर निशाना साधते हुए माहौल तैयार कर दिया है. शिवसेना यूबीटी ने लोगों से महाराष्ट्र की निष्ठा और परंपरा की रक्षा करने की अपील की है.
अहमदाबाद में दशहरा रैली करे शिंदे सेना: राउत
इसके अलावा, हाल के लोकसभा चुनावों में एमवीए के शानदार प्रदर्शन के बाद, उद्धव ने विरोधियों को आगामी विधानसभा चुनावों में यह दिखाने की चुनौती दी है कि असली शिवसेना कौन है. दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बाल ठाकरे और आनंद दिघे की हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया है. उद्धव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शिंदे सेना पर कटाक्ष करते हुए उन्हें अहमदाबाद में दशहरा रैली आयोजित करने की सलाह दी है.
भिंडी बाजार या मालेगांव में रैली करे उद्धव सेना
शिंदे सेना के पूर्व सांसद राहुल शेवाले ने संजय राउत की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व की विचारधारा को कांग्रेस के पास गिरवी रख दिया है. इसके अलावा, बीजेपी एमएलसी प्रवीण दरेकर भी यूबीटी सेना पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए भिंडी बाजार या मालेगांव में अपनी दशहरा रैली आयोजित करने का सुझाव देते हुए इस तीखी नोकझोंक में कूद पड़े.
मराठा कोटा एक्टिविस्ट मनोज जरांगे पाटिल ने भी राज्य भर के किसानों और मराठा समुदाय के लोगों से बीड जिले के नारायणगढ़ में इकट्ठा होने का आह्वान किया है. हाल के लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन (शिंदे सेना, अजित पवार की एनसीपी और बीजेपी) आगामी विधानसभा चुनाव में मनोज जारांगे पाटिल के कदम से काफी सतर्क है.
बीड में एकसाथ दिखेंगे पंकजा मुंडे-धनंजय मुंडे
दिलचस्प बात यह है कि बारह साल के अलगाव के बाद, पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे अपनी पारंपरिक दशहरा रैली के लिए बीड के भगवान गढ़ (किले) में एक साथ जुटेंगे. सभी की निगाहें मनोज जारंग पाटिल की मराठा रैली के खिलाफ महायुति गठबंधन के ओबीसी नेताओं के एक साथ विशाल शक्ति प्रदर्शन करने पर टिकी हैं. इसी तरह, 1925 में अपनी स्थापना के बाद से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की दशहरा रैली नागपुर में आयोजित होती रही है.
नागपुर में आयोजित होगी RSS की दशहरा रैली
इस बार की दशहरा रैली भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में नागपुर में आयोजित की जाएगी. राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले आरएसएस प्रमुख के वैचारिक और राजनीतिक संदेश के लिहाज से यह भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण रैली होगी. भारतीय चुनाव आयोग (ECI) किसी भी समय विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा कर सकता है. इस लिहाज से महाराष्ट्र में शनिवार का दिन हाई वोल्टेज राजनीतिक ड्रामे का होगा.