विजयादशमी के साथ आज नवरात्रि उत्सव का समापन हो रहा है. रावण दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न पूरे देश में मनाया जाएगा. चुनावी राज्य महाराष्ट्र में दशहरा के त्योहार का महत्वपूर्ण राजनीतिक महत्व है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने आज सुबह नागपुर में शस्त्र पूजन के साथ दशहरा रैली का आयोजन किया. शाम को मुंबई में शिवसेना के दोनों गुट अपनी दशहरा रैलियों के जरिए शक्ति प्रदर्शन की कोशिश करेंगे.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे आजाद मैदान में शिवसेना की दशहरा रैली का नेतृत्व करेंगे, जबकि उद्धव ठाकरे शिवाजी पार्क में शिवसेना (यूबीटी) की रैली का नेतृत्व करेंगे. पिछले साल की तरह, इस साल भी दोनों गुटों ने संस्थापक बालासाहेब ठाकरे की विरासत के असली रखवाले होने के अपने दावे में एक-दूसरे को पछाड़ने के लिए वीडियो ट्रेलर जारी किए. मराठा कोटा एक्टिविस्ट मनोज जारांगे पाटिल भी आज एक रैली का नेतृत्व करेंगे. उन्होंने राज्य भर के किसानों और मराठा समुदाय के लोगों से बीड जिले के नारायणगढ़ में इकट्ठा होने का आह्वान किया है.
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इधर, बारह साल के अलगाव के बाद पंकजा मुंडे और उनके चचेरे भाई धनंजय मुंडे अपनी पारंपरिक दशहरा रैली के लिए बीड के भगवान गढ़ (किले) में एक साथ जुटेंगे. हाल के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में एमवीए के शानदार प्रदर्शन के बाद, उद्धव ने विरोधियों को आगामी विधानसभा चुनावों में यह दिखाने की चुनौती दी है कि असली शिवसेना कौन है. दूसरी ओर, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बाल ठाकरे और आनंद दिघे की हिंदुत्व की विचारधारा को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया है.
उद्धव सेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शिंदे सेना पर कटाक्ष करते हुए उन्हें अहमदाबाद में दशहरा रैली आयोजित करने की सलाह दी है. शिंदे सेना के पूर्व सांसद राहुल शेवाले ने संजय राउत की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने हिंदुत्व की विचारधारा को कांग्रेस के पास गिरवी रख दिया है. इसके अलावा, बीजेपी एमएलसी प्रवीण दरेकर भी यूबीटी सेना पर अल्पसंख्यक तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए भिंडी बाजार या मालेगांव में अपनी दशहरा रैली आयोजित करने का सुझाव देते हुए इस तीखी नोकझोंक में कूद पड़े.
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इस बात की पूरी संभावना है कि चुनाव आयोग दशहरे के बाद महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों की घोषणा करेगा. राजनीतिक दलों का मानना है कि चुनाव नवंबर के मध्य में हो सकते हैं. ऐसे में, दशहरा रैलियां मुख्यधारा के राजनीतिक दलों के लिए अपनी ताकत दिखाने और महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल फूंकने के लिए एक आदर्श मंच के रूप में काम करती हैं. आरएसएस की नागपुर दशहरा रैली में मोहन भागवत, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस उपस्थित रहे. आरएसएस प्रमुख के वैचारिक और राजनीतिक संदेश के लिहाज से यह भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण रैली थी.