दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, जबकि चुनाव प्रचार 3 फरवरी यानी कल थम जाएगा, इससे पहले राजनीतिक पार्टियां पूरा दमखम लगा रही हैं. इसी क्रम में केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने कहा कि अगर किसी आदिवासी को मंत्री बनाना है, तो उसे अपर कास्ट के उत्थान का मंत्री बनाया जाना चाहिए. जबकि उच्च जाति से किसी ब्राह्मण या नायडू को आदिवासी समुदाय के मामलों की देखभाल करने दें.
उन्होंने कहा कि मैंने 2016 में सांसद बनने के बाद से ही प्रधानमंत्री मोदी से अनुरोध किया था कि मुझे सिविल एविएशन जैसे मंत्रालय की जरूरत नहीं है, बल्कि मैं जनजातीय मामलों का मंत्री बनना चाहता हूं. आमतौर पर किसी गैर-आदिवासी को कभी भी आदिवासी मामलों के लिए कैबिनेट मंत्री नहीं बनाया जाता है, लेकिन मेरा सपना है कि आदिवासी मामलों का मंत्री ऊंची जाति का कोई व्यक्ति बने, ताकि आदिवासी समुदाय की तरक्की हो सके.
सुरेश गोपी ने कहा कि अगर किसी आदिवासी को मंत्री बनाना है, तो उसे उच्च जातियों के उत्थान का मंत्री बनाया जाना चाहिए. लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह बदलाव जरूरी है. ऊंची जाति का कोई व्यक्ति चाहे वह ब्राह्मण हो या नायडू,.. वह आदिवासी समुदाय के मामलों की देखभाल करे. इससे बड़ा बदलाव आएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री से अनुरोध किया था, लेकिन इसके लिए कुछ नियम और प्रक्रियाएं मौजूद हैं.
इससे पहले पीएम मोदी ने रविवार को कहा कि केंद्रीय बजट ने हर औसत परिवार को खुशियां दी हैं. आरके पुरम में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के बाद से 12 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोगों को इतनी बड़ी राहत कभी नहीं मिली. मध्यम वर्ग कह रहा है कि यह भारत के इतिहास में उनके लिए सबसे अनुकूल बजट है. 5 फरवरी को होने वाले चुनाव से ठीक तीन दिन पहले प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय प्रगति में मध्यम वर्ग के योगदान की भी सराहना की और कहा कि भाजपा ईमानदार करदाताओं का सम्मान करती है और बजट में की गई राहत इसका संकेत है.