
जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल जारी कर दिए गए हैं. हरियाणा में जहां बीजेपी तीसरी बार सत्ता पाने की जद्दोजहद में है, वहीं जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस सत्ता की लड़ाई में साथ हैं. एक तरफ जहां हरियाणा में बीजेपी सत्ता गंवा रही है तो कांग्रेस की बड़ी जीत का अनुमान है. वहीं जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन आगे दिख रहा है.
सी-वोटर सर्वे के हिसाब से हरियाणा विधानसभा चुनाव में अनुमान है कि बीजेपी को महज 20-28 सीटें मिल सकती हैं. वहीं कांग्रेस पार्टी की सत्ता में वापसी होती नजर आ रही है, जहां पार्टी को 50-58 सीटें मिल रही हैं. एग्जिट पोल की मानें तो जेजेपी को 0-2 सीट मिल रही है और अन्य के खाते में 10-14 सीटें जाती नजर आ रही हैं.
वोटिंग पर्सेंटेज की बात करें तो कांग्रेस को 15-16 फीसदी वोट पर्सेंटेज का इजाफा हो सकता है और पार्टी का कुल वोट शेयर 44 फीसदी रह सकता है, वहीं बीजेपी को 37 फीसदी वोट मिल सकते हैं. वहीं जेजेपी का वोट शेयर 4 फीसदी रह सकता है.
जम्मू कश्मीर में कैसे रह सकते हैं नतीजे
सी-वोटर सर्वे के हिसाब से जम्मू कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन को 40-48 सीटें, बीजेपी को 27-32 सीटें, पीडीपी को 6-12 सीटें और अन्य को 6-11 सीटें मिल सकती हैं. जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की बात की जाए तो यहां जम्मू डिवीजन में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करती नजर आ रही है. यहां पार्टी का वोट शेयर 41 फीसदी से ज्यादा रह सकता है और पार्टी को 27-31 सीटें मिल सकती हैं.
जम्मू कश्मीर चुनाव के एग्जिट पोल में अनुमान है कि जम्मू डिवीजन में बीजेपी को 27-31 सीटें मिल सकती हैं. वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को 11-15 सीटें मिल सकती हैं.
पीडीपी को यहां 0-2 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं कश्मीर घाटी में बीजेपी को 0-1 सीट मिलती नजर आ रही है. वहीं एनसी-कांग्रेस गठबंधन को 29-33 सीटें मिल सकती हैं, जबकि पीडीपी को 6-10 सीटें और अन्य को 6-10 सीटें मिलती नजर आ रही है.
जम्मू डिवीजन में बीजेपी का वोट शेयर 41 फीसदी, जबकि एनसी गठबंधन को 36.4 फीसदी वोट मिल सकते हैं. वहीं कश्मीर घाटी में, जहां बीजेपी ने महज कुछ सीटों पर चुनाव लड़ा था, यहां बीजेपी को सिर्फ 3 फीसदी वोट मिलता नजर आ रहा है. यहां एनसी गठबंधन को 41.1 फीसदी वोट मिल सकते हैं, पीडीपी को 10.2 और अन्य को 28.2 फीसदी वोट मिल सकते हैं.
हरियाणा विधानसभा चुनाव
हरियाणा राज्य में 90 सदस्यीय विधानसभा पर कब्जा जमाने की होड़ जोर-शोर से चल रही है. सत्तारूढ़ बीजेपी तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रही है. 2014 और 2019 में सत्ता में आने के बाद, बीजेपी अब जीत की 'हैट-ट्रिक' की उम्मीद कर रही है.
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में मनोहर लाल खट्टर की जगह ली थी, बीजेपी के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं. इन चुनावों में उनका राजनीतिक भविष्य भी दांव पर लगा हुआ है. हरियाणा विधानसभा चुनावों में प्रमुख चुनौती कांग्रेस दे रही है. भूपेंद्र सिंह हुड्डा दस साल सत्ता से बाहर रहने के बाद वापसी की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि कांग्रेस ने मुख्यमंत्री चेहरा घोषित नहीं किया है.
कांग्रेस के अनुभवी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा गढ़ी सांपला-किलोई से चुनाव लड़ रहे हैं और वे सत्ता विरोधी लहर की उम्मीद में हैं. रेसलर से नेता बनीं विनेश फोगाट, कांग्रेस की तरफ से जुलाना से एक हाई-प्रोफाइल उम्मीदवार हैं.
जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव
जम्मू और कश्मीर के विधानसभा चुनाव को कई वजहों से ऐतिहासिक बताया जा रहा है. यह 2019 में अनुच्छेद 370 के खत्म किए जाने के बाद पहला विधानसभा चुनाव है, और पहली बार, कई समुदायों जैसे पश्चिम पाकिस्तान शरणार्थियों, वाल्मीकि और गोरखा समुदायों को मतदान अधिकार दिए गए हैं.
जम्मू और कश्मीर के चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए गए, जिसमें तीसरे और अंतिम चरण में 69.65 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. जम्मू क्षेत्र में, उधमपुर, कठुआ और सांबा जैसे जिलों में मतदान का प्रतिशत 70 से ज्यादा रहा.