दिल्ली का जनादेश आज पांच फरवरी को ईवीएम में कैद हो गया है. वोटरों ने अगले पांच साल के लिए किस पार्टी को अपना भाग्य विधाता चुना है ये 8 फरवरी को मतगणना के साथ सबके सामने आ जाएगा. चुनावों पर आजतक डिजिटल की खास पेशकश 'e-चुनाव' दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी रीडर्स के लिए उपलब्ध रहा जिसमें राजधानी दिल्ली समेत देश भर के पाठकों ने हिस्सा लिया.
देश भर के हजारों पाठकों ने आजतक डिजिटल के ऑनलाइन-एक्सक्लूसिव सर्वे 'e-चुनाव' में हिस्सा लिया. इसमें रीडर्स ने दिल्ली की अलग-अलग विधानसभा सीटें चुनकर अपनी पसंदीदा पार्टी को वोट दिया. ई-वोट देने वालों के पास दिल्ली की जनता की तरह ही AAP, बीजेपी, कांग्रेस और किसी अन्य दल को वोट करने का विकल्प था.
ई-चुनाव में शामिल होकर वोट देने की प्रक्रिया बेहद आसान थी. इसमें रीडर 10 अंकों का मोबाइल नंबर दर्ज करके ओटीपी की प्रक्रिया के जरिए रजिस्टर्ड हुए और उन्होंने 70 में से कोई एक विधानसभा सीट चुनकर अपना वोट डाला. ये वोट किसे डाला गया, ये जानकारी पूरी तरह से गोपनीय है और किसी के साथ भी साझा नहीं की जाती.
वोटिंग के लिए मोबाइल नंबर सत्यापित करने की शर्त इसलिए रखी गई ताकि एक शख्स एक ही बार वोट करे और बार-बार वोटिंग कर अंतिम परिणामों की प्रामाणिकता को प्रभावित ना करे. वोट डालने के लिए दिल्ली का वोटर होने अथवा किसी तरह का मतदाता पहचान पत्र होने की जरूरत भी नहीं थी. इस 'e-चुनाव' में भारतीय जनता पार्टी, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और अन्य दलों में से किस पार्टी को कितने फीसदी वोट मिले ये जानने के लिए यहां क्लिक करें.
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