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जंगपुरा की जंग में मनीष सिसोदिया को पस्त करने वाले BJP के तरविंदर सिंह मारवाह हैं कौन?

आम आदमी पार्टी विधानसभा चुनाव में बड़ी हार की ओर बढ़ रही है. पार्टी के कई दिग्गजों को मुंह की खानी पड़ी है. जंगपुरा सीट से आप नेता मनीष सिसोदिया बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह से हार गए हैं. जानिए कौन हैं मारवाह जिन्होंने मनीष सिसोदिया को दी मात-

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बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने मनीष सिसोदिया को मात दे दी है (Photo- PTI)
बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने मनीष सिसोदिया को मात दे दी है (Photo- PTI)

दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की आंधी में आप साफ होती नजर आ रही है, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया अपनी सीट तक नहीं बचा पाए हैं. वहीं अरविंद केजरीवाल भी चुनाव हार गए हैं. हाई-प्रोफाइल सीट जंगपुरा से आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया चुनाव हार गए हैं. सिसोदिया ने अपनी हार स्वीकारते हुए कहा कि वो करीब 600 वोटों से पीछे रह गए हैं. सिसोदिया को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी तरविंदर सिंह मारवाह (Tarvinder Singh Marwah) से हार का सामना करना पड़ा है.

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कौन हैं तरविंदर सिंह मारवाह?

तरविंदर सिंह मारवाह कभी कांग्रेस में हुआ करते थे, लेकिन जुलाई 2022 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. मारवाह जंगपुरा सीट से लगातार तीन बार विधायक रह चुके हैं. उन्होंने पहली बार कांग्रेस के टिकट पर 1998 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. इसके बाद 2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में भी जीत हासिल कर विधायक बने. 2013 के बाद यह पहली बार है जब उन्हें विधानसभा चुनाव में जीत हासिल हुई है.

हिंदुस्तान टाइम्स की एक पुरानी रिपोर्ट के मुताबिक, मारवाह कॉलेज के दिनों से ही राजनीति में सक्रिय हैं. डीएवी कॉलेज में स्टूडेंट यूनियन के प्रेसिडेंट के रूप में उन्होंने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की और 1976 में कांग्रेस से जुड़ गए. 

बीजेपी नेता मारवाह के परिवार की बात करें तो उनकी पत्नी सुरिंदर पाल कौर मारवाह प्रॉपर्टी बिजनेस चलाती हैं. उनकी दो बेटियां और एक बेटा है.

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दिल्ली में जीत रही बीजेपी

दिल्ली विधानसभा के लिए 5 फरवरी को वोटिंग हुई थी और नतीजे आज आ रहे हैं. अभी तक आए रुझानों में बीजेपी बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है और अगर ये रुझान नतीजों में तब्दील होते हैं, तो बीजेपी की सरकार बननी तय है. दिल्ली विधानसभा में कुल 70 सीटें हैं और बहुमत के लिए 36 सीटें चाहिए. बीजेपी ने दिल्ली में 1993 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी और तब से दोबारा सत्ता में वापसी के लिए संघर्ष कर रही थी और 27 सालों बाद उसका वनवास खत्म हो रहा है. 

वहीं, आम आदमी पार्टी की बात करें तो 2013, 2015 और 2020 में पार्टी ने लगातार तीन बार चुनाव जीतकर सरकार बनाई और अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बने. हालांकि, सितंबर 2024 केजरीवाल ने जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफा दे दिया था और आतिशी मार्लेना मुख्यमंत्री बनी थीं. 

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