
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले मुंबई में इंडिया टुडे कॉन्क्लेव का आयोजन हो रहा है. दो दिनों तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव के पहले दिन बुधवार को 'Clash of Coalitions: Who Will Win Maharashtra?' सेशन में राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेजी (शिवसेना UBT), संजय निरुपम (शिंदे शिवसेना), विधायक आशीष शेलर (मुंबई BJP अध्यक्ष) और कांग्रेस सांसद प्रणिती शिंदे ने शिरकत की. इस दौरान सभी नेताओं ने आगामी चुनाव को लेकर अपनी-अपनी पार्टी के मुद्दे रखे और जमकर एक दूसरे पर निशाना भी साधा.
महाराष्ट्र में ऐसा क्या हुआ कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी सिर्फ 9 सीट पर ही सिमट गई? इस सवाल के जवाब में बीजेपी नेता आशीष शेलर ने कहा कि हमें जो अपेक्षा थी उस अपेक्षानुसार इस चुनाव के रिजल्ट हमारे लिए नहीं आए. हमने इसका विश्लेषण भी किया है. गलतियां हुईं, उसमें सुधार किया है. कुछ चीजें हम भरोसा कर रहे थे कि एथिकली चलेंगी. लेकिन इस चुनाव में हमारे विरोधकों ने उस एथिक्स को तोड़-मरोड़ दिया. ऐसी स्थिति में जो रिजल्ट आया, उसको अपनाकर आगे बढ़ना है.
महाराष्ट्र में कांग्रेस के लोकसभा चुनाव में 13 सीट जीतने पर पार्टी की सांसद ने कहा कि हमें विश्वास था कि हम कई सीट जीतने वाले हैं. जमीनी स्तर पर सब नजर आ रहा था लेकिन कुछ पार्टी जमीनी स्तर पर न जाकर सिर्फ हवा में बातें कर रही थीं. किसान, महिलाएं, युवा, सभी परेशान थे. बीजेपी के खिलाफ बहुत सारी चीजें थीं, जिससे बीजेपी को फायदा हुआ.
MVA गठबंधन के अंदर ही सीट शेयरिंग को लेकर भी विवाद हो सकता है? इस पर शिवसेना (UBT) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हम इस पर बहुत क्लियर हैं. महाविकास अघाड़ी सत्ता में आने वाली है. आदित्य ठाकरे ने इसका बहुत अच्छे से जवाब दिया था कि हम बीजेपी के साथ 25 साल से गठबंधन में थे. हमने बीजेपी को बढ़ते देखा और हम खुश थे बीजेपी को महाराष्ट्र में बढ़ता देख. इसी तरह हम महाविकास अघाड़ी के साथ गठबंधन में भी खुश हैं. गठबंधन महाराष्ट्र के लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. चाहे हम ज्यादा सीट जीतें या कांग्रेस, इससे हमारे गठबंधन की इकोसिस्टम को कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता इस असंवैधानिक रूप से बनी सरकार को हटाना है.
क्या लोकसभा चुनाव के नतीजे शिंदे शिवसेना के लिए चौंकाने वाले रहे? इस पर शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने जवाब देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजे जो थे, वो हर हाल में चौंकाने वाले होने ही थे. क्योंकि 2024 से पहले देखें तो पूरे महाराष्ट्र में एक खास सेट ऑफ पार्टियां एक साथ लड़ती थीं और उनके खिलाफ दूसरे सेट ऑफ पार्टियां लड़ती थीं. जैसे बीजेपी-शिवसेना का गठबंधन 25 साल रहा. दूसरी तरफ कांग्रेस-एनसीपी का गठबंधन 1999 में एनसीपी आने पर बना. उनके वोटर्स सेट थे. लेकिन 2024 में पहली बार ऐसा चुनाव हुआ जिसमें पूरा इक्वेशन बदल गया. कांग्रेस पहली बार शिवसेना (यूबीटी) के साथ लड़ रही है. इधर अजित पवार बीजेपी के साथ लड़ रहे थे. तो नतीजे बदलने ही थे. MVA का जो वोट शेयर बढ़ा, वो इसलिए क्योंकि पहली बार एक खास कम्युनिटी के वोट में जबरदस्त इजाफा था. दूसरा ये कि संविधान को बदल देंगे और आरक्षण को रद्द कर देंगे, ये दो नैरेटिव खतरनाक था. संजय निरुपम ने कहा कि महायुति एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में चुनाव लड़ने जा रही है.