बिहार में कुछ ही महीनों बाद चुनाव हैं. इससे पहले बहुत सारे हिंदुत्व से जुड़े हुए मुद्दे राज्य में प्रभावी रूप से उठाए जा रहे हैं. न सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की तरफ से बल्कि एक के बाद एक कई धर्म गुरुओं का राज्य में पहुंचना भी भगवा पार्टी को कटघरे में खड़ा कर रहा है. इन्हीं में से एक हैं आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जो बिहार में पांच अलग-अलग जगहों पर शिविर लगा चुके हैं. इसके चलते वह विपक्ष के निशाने पर भी हैं. आजतक ने धीरेंद्र शास्त्री के साथ खास बातचीत की और कई मुद्दों पर उनसे चर्चा की.
बिहार की अगल सीएम कौन बनेगा? इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हम बिहार लगभग दो साल से लगातार जा रहे हैं. हमारा उद्देश्य और संकल्प है हिंदुत्व को जगाना, हिंदू राष्ट्र के लिए अपनी बात को रखना. चुनाव तो अब आया है. जो इस देश के जागरूक हिन्दू हैं और जिन्हें भविष्य ये समझ आता है कि भारत का भविष्य इसी से उत्तम होगा, वो हमारे साथ रह कर के सनातन के प्रचार के कार्य के लिए और जीवन जीने की शैली को सीखते हैं.
उन्होंने कहा कि रही बात भविष्य की तो हमने कभी भी ऐसी कोई घोषणा नहीं की है कि हम भविष्य वक्ता हैं. यूं हम कह सकते हैं कि व्यक्ति में इतनी सामर्थता है कि वो भविष्य निर्माता बन सकता है. खुद का भविष्य इतना बेहतर करना चाहिए कि जिंदगी में हमें किसी की तरफ मुंह ना ताकना पड़े. तीसरी बात जो राष्ट्र हित में देश हित में कार्य करे, वो राज्य सत्ता पर बैठे. ऐसी हम भगवान से प्रार्थना करते हैं.
विपक्ष के विरोध पर कही ये बात
विपक्ष द्वारा कथा का विरोध किए जाने पर दिए गए अपने बयान पर उन्होंने कहा कि हम बिहार गए, भारत में प्रत्येक व्यक्ति को, भारत के नागरिक को कहीं पर भी अपने धर्म की चर्चा, अध्यात्म की चर्चा, अपनी संस्कृति की चर्चा, कल्चर की चर्चा, भारत की चर्चा करने की आजादी है. क्योंकि भारत 1947 में आजाद हो चुका है. ये आजाद भारत की नागरिकता की स्वतंत्रता है. तो हम अपनी बात बिहार में क्यों नहीं रख सकते हैं. इस बात पर हमने उनको जवाब दिया था. जिन्होंने हमको कहा कि वो हमें जेल में डाल देंगे. किसी ने कहा कि वो हमें बिहार में ही आने देंगे. किसी ने कहा हमें घेर लेंगे. तो हमने उनसे बहुत विनम्रता पूर्वक प्रार्थना की कि आप ऐसा नहीं कर सकते कि आप हमें रोक पाएं. आप ऐसा नहीं कर सकते. सैलाब को कौन रोक सकता है.
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि नदी को कौन रोक सकता है, वो अपने बेग में आएगी तो फिर आएगी. आप सामना करेंगे तो निश्चित रूप से लंका दहन होगा निश्चित रूप से. हम किसी पार्टी का सपोर्ट नहीं करना चाहते. हम आपका अहित नहीं चाहते. हम किसी पार्टी का पक्ष विपक्ष नहीं करना चाहते. हम अध्यात्म के हैं. हम सनातन के हैं. सनातन हमारा है. सनातन की हमें बात करनी है और अपनी कथा के लिए हमारी पूर्ववत घोषणाएं हैं. चुनाव की घोषणा आज हुई और हमारी कथा की घोषणा पहले से है. तो हमें नहीं लगता है कि ये राजनैतिक मंच है. धर्म गुरुओं को राजनीति में पड़ना नहीं चाहिए. राजनेताओं को धर्म गुरुओं को पचड़े में डालना भी नहीं चाहिए.
'चुनाव होने के बाद भी करेंगे पदयात्रा'
उन्होंने कहा कि हम 2022 में भी गए थे, तब चुनाव नहीं था. 2023 में भी गए थे, तब चुनाव नहीं थे. कल चुनाव जब हो जाएंगे तब जाएंगे पदयात्रा में, तब भी शायद तब भी बगावत करें, तब हमने जवाब दिया कि अगर आप हमें रोकेंगे तो हम यहां मठ बनाएंगे, घर बनाएंगे. और अगर मर भी गए तो हम जन्म लेंगे और भगवान से प्रार्थना करेंगे कि हमें बिहार में जन्म मिले. हमें नहीं लगता कि हम बिहार में किसी के पक्ष या विपक्ष में कार्य कर रहे हैं.
आपकी वजह से बीजेपी और जेडीयू के रिश्ते न बिगड़ जाएं. इस पर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वो उनका अपना पार्टियों का निजी विषय है. हम इस देश को एक करने के लिए निकले हैं. लोगों के बीच की दूरियां मिटाने के लिए निकले हैं. हम चाहते हैं कि इस देश में फिर से स्थापित हो कि ये सबका देश है. जात-पात से ऊपर उठने की जरूरत है.