लोकसभा सांसद शेख अब्दुल राशिद, जिनकी पहचान आमतौर पर इंजीनियर राशिद के तौर पर बनी हुई है, उन्होंने दावा किया है कि वह लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बड़े अंतर से जीते हैं. राशिद ने 'पंचायत आज तक' इवेंट में कहा, "मैंने बारामूला से लोकसभा चुनाव पीएम मोदी की वाराणसी सीट से बड़े अंतर से जीता." यह उनका पहला इंटरव्यू था जब वह जम्मू-कश्मीर चुनाव से पहले तिहाड़ जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा हुए.
राशिद का यह बयान तब आया जब उनसे पूछा गया कि क्या वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में बीजेपी का सामना कर सकते हैं. इंजीनियर राशिद ने बारामूला से 2,04,142 वोटों के अंतर से लोकसभा चुनाव जीता, जबकि पीएम मोदी ने वाराणसी से 1,52,513 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव में अपनी जीत के बारे में बात करते हुए रशीद ने कहा, "मेरे पक्ष में डाले गए वोट 5 अगस्त 2019 को जो हुआ उसके खिलाफ एक जनमत संग्रह थे." उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाया गया था.
आवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) प्रमुख को बुधवार को तिहाड़ जेल से अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया. वह आतंकवादी फंडिंग मामले में जेल में थे. उनकी रिहाई के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने आरोप लगाया कि राशिद को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में विपक्षी वोट काटने के लिए रिहा किया गया है.
हालांकि, रिहाई के बाद अपने पहले बयान में, राशिद ने पीएम मोदी पर निशाना साधा और कहा कि वह प्रधानमंत्री के 'नया कश्मीर' के दृष्टिकोण का मुकाबला करेंगे.
उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर भी कश्मीर को "बर्बाद" करने का आरोप लगाया और कहा कि वह क्षेत्र के लोगों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. उमर अब्दुल्ला पर निशाना साधते हुए, जिन्हें राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में हराया था, बारामूला सांसद ने कहा कि वह "पांच साल से तिहाड़ में मर रहे थे", जबकि एनसी नेता "लंदन में छिपे हुए थे."