बारामती को पवार परिवार का गढ़ माना जाता है. इस सीट पर 1967 से राजनीतिक चढ़ाव और उतार देखे गए हैं, जहां शरद पवार ने इस सीट से छह बार विजयी होकर अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया. इसके बाद यह जिम्मेदारी अजित पवार को सौंपी गई, जिन्होंने इसे और आगे बढ़ाया.