दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने राजनीतिक सफर पर चर्चा की. आंदोलन के दिनों और वर्तमान राजनीतिक भूमिका के बीच अंतर पर टिप्पणी की. सत्ता और सेवा के बीच संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया. राजनीति के यथार्थ और सत्ता प्राप्ति के प्रयासों पर भी बात की. सत्ता का उपयोग जनसेवा के लिए करने की भावना पर बल दिया.