पश्चिम बंगाल की सियासत में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी इस बार का विधानसभा चुनाव काफी चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है. हर दिन टीएमसी नेताओं के साथ छोड़ने का सिलसिला जारी है. पुराने और वफादार के तमाम नेता पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम रहे हैं. इसी नाजुक स्थिति में ममता बनर्जी के साथ टीएमसी की महिला ब्रिगेड मजबूती के साथ खड़ी हैं, जो सोशल मीडिया से लेकर हर रोज प्रेस कॉफ्रेंस करके बीजेपी पर हमले कर रही हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में, यह महिला ब्रिगेड TMC प्रमुख की सबसे बड़ी ताकत बनती नजर आ रही हैं. (Photos: File)
नुसरत जहां: ममता बनर्जी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अभिनेत्री नुसरत जहां को टिकट देकर सभी को आश्चर्य चकित कर दिया था. नुसरत बंगाल की बशीरहाट लोकसभा सीट सी बीजेपी के सायंतन बसु जैसे दिग्गज उम्मीदवार को हराकर सांसद बनी है. वो अपने व्यस्त करियर के बावजूद के बाद सियासत और अपने क्षेत्र में पूरी तरह सक्रिय है. हाल के दिनों में वो विभिन्न मुद्दों पर बीजेपी को घेरती नजर आईं है और ममता बनर्जी के लिए ढाल का काम कर रही हैं. इंडिया टुडे के कॉन्क्लेव में भी नुसरत जहां ने बीजेपी जमकर हमले करती दिखीं थी.
मिमी चक्रवर्ती: नुसरत जहां की तरह अभिनेत्री मिमी चक्रवती को भी लोकसभा चुनाव में टीएमसी ने टिकट देकर सभी को चौंका दिया था. बंगाल के जाधवपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी के प्रोफेसर अनुपम हाजरा और लेफ्ट के दिग्गज नेता विकास रंजन भट्टाचार्य को हराना मिमि के लिए राजनीतिक करियर में मील का पत्थर है. वो व्यस्त अपने प्रोफेशन लाइफ के साथ-साथ राजनीति और अपने संसदीय क्षेत्र को पूरी तरह से समय दे रही हैं. हाल में कुछ दिन पहले नेताजी जयंती समारोह में विक्टोरिया को प्रदूषित करने के लिए बीजेपी पर हमला करते देखा गया है.
महुआ मोइत्रा: दुनिया के छठे सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन में उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर सियासत में कदम रखने वाली महुआ मोइत्रा टीएमसी की ऐसी नेता हैं, जो बीजेपी पर आक्रमक हमले के लिए बंगाल ही नहीं बल्कि देश भर में जानी जाती है. 2008 में कांग्रेस से अपनी सियासी पारी का आगाज किया था, लेकिन 2010 में उन्होंने ममता बनर्जी का दामन थाम लिया था. इसके बाद से महुआ मोइत्रा 2016 में टीएमसी से विधायक बनी और 2019 में कृष्णानगर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंची.
महुआ के प्रभाव का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलने के लिए लोकसभा में उन्हें और राज्यसभा मे डेरेक ओ ब्रायन को चुना गया. संसद से लेकर मीडिया और सड़क तक महुओ मोइत्रा को बीजेपी पर करारे हमले किए लिए जाना जाता है. ममता बनर्जी के साथ ढालकर बीजेपी के खिलाफ खड़ी हैं.
काकोली घोष दस्तीदार: पेशे से चिकित्सक काकोली घोष दस्तीदार को टीएमसी की जमीनी नेताओं में गिना जाता है. ममता बनर्जी के करीबी मानी जाती हैं. यही वजह है कि बंगाल चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं और पार्टी में ममता के बाद सबसे ज्यादा सक्रिय हैं. काकली को नियमित तौर पर भाजपा नेताओं के साथ सड़क से लेकर टीवी तक हर रोज संघर्ष करते देखा जा सकता है.
चंद्रिमा भट्टाचार्य: पेशे से वकील चंद्रिमा भट्टाचार्य ममता बनर्जी की कैबिनेट की अहम सदस्य हैं. वो पार्टी के पुराने नेताओं में से हैं. बंगाल चुनाव अभियान शुरू होने से काफी पहले चंद्रिमा भट्टाचार्य तमाम मुद्दों पर भाजपा नेताओं पर जमकर हमले करते देखा जा सकता है. वो बंगाल की महिलाओं को साधने की कवायद में जुटी हैं, जिसके लिए प्रदेश भर में महिला सम्मेलन कर रही हैं.
शशि पांजा: पेशे से चिकित्सक शशि पांजा बंगाल सरकार में महिला और बाल कल्याण हैं और ममता बनर्जी की महिला ब्रिगेड के सदस्यों में से एक हैं. बंगाल के दिग्गज नेता अजीत पांजा की वो बहू हैं और उन्हें विरासत में सियासत मिली है. हाल ही में, शशि पांजा ने केंद्र में भाजपा सरकार के खिलाफ मुखर नजर आईं है. रेलवे परियोजना में बंगाल की अनदेखी किए जाने का बीजेपी पर आरोप लगाया है.
शताब्दी रॉय: ममता बनर्जी के पुराने साथियों में से एक शताब्दी रॉय है. बंगला अभिनेत्री के तौर पर उन्होंने अपना करियर शुरु किया था, लेकिन बाद में सियासत में कदम रखा. 2009 में टीएमसी की टिकट पर जीतकर सांसद बनी और उसके बाद लोगतार सांसद हैं. शताब्दी को टीएमसी राज्य समिति के सह-अध्यक्ष बनने के बाद एक सार्वजनिक बैठक में बीजेपी पर हमला करते हुए देखा गया है. हालांकि, पिछले दिनों उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की थी, लेकिन ममता उन्हें समझाने में कामयाब रही है. इसके बाद से ममता की ढाल बनकर खड़ी हैं.
सुजाता मंडल: बिष्णुपुर से बीजेपी सांसद सौमित्र खान की पत्नी सुजाता मंडल खान ने ममता बनर्जी का दामन थामा है. वो टीएमसी की सदस्यता लेते ही बीजेपी पर आक्रमक हमले बोलना शुरू कर दिया है, जिसके चलते ममता के करीबी नेताओं में उन्हें गिना जाने लगा है. सुजाता ने टीएमसी छोड़ने वाले शुभेंदु अधिकारी की जमानत जब्त करने की भी खुली चुनौती दे दी है.
डोला सेन: टीएमसी राज्यसभा सांसद डोला सेन सीएम ममता की करीबी नेताओं में गिना जाता है. टीएमसी छोड़कर बीजेपी में जाने वाले नेताओं को लेकर उन्होंने कहा था कि बीजेपी ऐसी वाशिंग मशीन हैं, जहां जाने पर पाप धुल जाते हैं. बंगाल के मजदूर वर्ग के वोट को पार्टी में लाने की कवायद में डोला सेन लगी हुई हैं.
नयना बनर्जी: टीएमसी सांसद सुदीप बनर्जी की पत्नी नयना बनर्जी टीएमसी की प्रवक्ता हैं. वो काफी तेज तर्रार नेताओं में गिनी जाती हैं और हर रोज टीवी डिबेट में पार्टी की बात को मजबूती के साथ रखने वाली नेता के तौर देखा जा सकता है. ऐसे में कहने की जरूरत नहीं है कि वह ममता बनर्जी की महिला ब्रिगेड की सदस्यों में से एक हैं. (File Photos)