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सीधी बात: बंगाल के राज्यपाल बोले- संविधान का एजेंट हूं, कहीं से कमांड नहीं लेता

आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में आज के खास मेहमान हैं पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़. 'सीधी बात' में उन्होंने कहा कि हमेशा संविधान के दायरे में काम करता हूं. मैं संविधान से आदेश लेता हूं. भारत के संविधान का एजेंट हूं, कमांड नहीं लेता.

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'सीधी बात' में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़
'सीधी बात' में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'मैं सबसे पहले मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखता हूं'
  • 'मेरा दिल पसीजता है बंगाल की जनता के लिए'
  • बंगाल में लोकतंत्र के मापदंड खत्मः जगदीप धनखड़

'सीधी बात' में पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि बंगाल में डर का माहौल है. पश्चिम बंगाल की जनता को नाउम्मीद नहीं करूंगा. यहां पर निष्पक्ष चुनाव होंगे. लोकतंत्र आएगा और निश्चित रूप से आएगा. उन्होंने यह भी कहा कि मैंने खून के घूंट पीये हैं.

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'सीधी बात' में धनखड़ से कई अन्य मुद्दों पर भी बात की गई. किस सरकार के साथ काम करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्यपाल की जो भूमिका है वो सरकार के साथ खड़े रहने की है. राज्यपाल का दायित्व है कि संविधान की रक्षा और जनता की सेवा करे. भारत के संविधान का एजेंट हूं, मैं कमांड कहीं से नहीं लेता. हमेशा संविधान के दायरे में काम करता हूं. मैं संविधान से आदेश लेता हूं. उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल में लोकतंत्र का अभाव है. मैं टकराव नहीं सुधार के लिए मुद्दे उठाता हूं. बंगाल के 70 लाख किसानों को किसान निधि के तहत पैसा क्यों नहीं मिला.

मेरा काम टकराव या टक्कर देना नहींः राज्यपाल धनखड़

आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर सरकार को हटाने को लेकर क्यों पत्र नहीं लिखते, उन्होंने कहा कि मैं हर महीने केंद्र को पत्र लिखता हूं. लेकिन आपको नहीं बताऊंगा कि क्या लिखा. गृह मंत्रालय को हर महीने चिट्ठी लिखता हूं, संविधान के दायरे में केंद्र को रिपोर्ट देता हूं. 

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राज्य सरकार के साथ व्यवहार को लेकर राज्यपाल ने जगदीप धनखड़ ने कहा, 'संविधान दिवस के दिन विधानसभा में सबसे पहला स्पीकर कौन (राज्यपाल) होना चाहिए. लेकिन मेरा नंबर 6 था. खून के घूंट पीये हैं. मेरा काम टकराव और टक्कर देना  नहीं है. मेरा काम सुधार करना है.' उन्होंने कहा, 'मैं हर्ट फील नहीं कर रहा. सुधार चाहता हूं. पश्चिम बंगाल डिजर्व करता है कि नंबर वन हो. अगर कोई मुद्दा उठाता हूं कि आलोचना के लिए नहीं है बल्कि सुधार के लिए.' 

मेरा कोई काम सीक्रेट नहींः राज्यपाल धनखड़

राज्य में विकास की बात पर 'सीधी बात' में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मैं बंगाल में सुधार चाहता हूं. उन्होंने यह भी कह कि बंगाल का राज्यपाल होना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है. 

'सीधी बात' में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि मेरा कोई काम सीक्रेट नहीं है. मैं राज्य के सभी लोगों से मिलता हूं. टीएमसी के लोग नहीं मिलते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि उनसे संपर्क में नहीं हूं. मैं सबसे मिलता हूं. राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यहां ब्यूरोक्रेसी नहीं है. यहां पर पुलिस ब्यूरोक्रेसी है. जो सही नहीं है. लोग कभी रिटायर नहीं होते.

'सीधी बात' में सरकारी कर्मचारी सरकार से तनख्वाह ले रहे हैं और काम कर रहे हैं सत्तारुढ़ पार्टी का, प्रभु चावला के इस सवाल पर राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि काम नहीं फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं. सरकारी धन, सरकारी दफ्तर, सरकारी पद, राजनीति के लिए. उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारी राजनीतिक कार्य़कर्ता बन गए हैं. 

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मेरा दिल पसीजता हैः राज्यपाल धनखड़

'सीधी बात' में राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि बिना सटीक जानकारी के और बिना रिकॉर्ड के कोई काम नहीं करता. परंपरा है कि राज्यपाल जो भाषण पढ़ता है वो सरकार का लिखा होता है. मैंने जरूर कहा कि आप और भी सोच-समझ कर कीजिए, कितना माना, नहीं माना वो अलग विषय है. भाषण में जो लिखा 12 लाख 30 हजार करोड़ का निवेश. वो शानदार है. बाद में इस पर विस्तार से पूछा.

केंद्र की बात ज्यादा करते हैं और राज्य की बात कम करने के आरोप पर राज्यपाल ने कहा, 'मेरा दिल पसीजता है पश्चिम बंगाल की जनता के लिए. मैं सेवा में लगा हुआ हूं जनता के लिए. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि शपथ लेने के बाद मैंने कोई कोताही नहीं बरती है. जब मैं देखता हूं कि डर का वातावरण इतना भयानक है कि डर की वजह से आदमी डर की बात नहीं करता है. ये मेरे लिए चिंताजनक है.'  

बंगाल की मुख्यमंत्री को अब तक कितनी चिट्ठी लिखी के सवाल पर 'सीधी बात' में राज्यपाल ने कहा, 'मैंने मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी. ट्विटर पर लिखने से पहले मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखता हूं. संविधान कहता है कि जिसका दायित्व है अगर वह नहीं करेगा तो कौन करेगा.' उन्होंने कहा कि राज्य में मानवाधिकार का उल्लंघन चरम पर है. मानवाधिकार करे चेयरमैन रिटायर्ड चीफ जस्टिस है मुझे सार्वजनिक रूप से कहते हैं कि मेरा कमीशन आईसीयू में हैं, वेटिंलेटर पर है. 

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