पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की लड़ाई आज नतीजों के साथ ही समाप्त हो जाएगी. बंगाल में जहां एक तरफ तृणमूल कांग्रेस फिर से सत्ता वापसी के दावे कर रही है तो दूसरी तरफ पुरजोर मेहनत करने वाली भारतीय जनता पार्टी भी बंगाल में अपनी एंट्री को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है. बीजेपी का यह भरोसा अगर जीत में भी तब्दील होता है तो दिल्ली में पार्टी मुख्यालय इस बार सूना ही नजर आएगा.
दरअसल, दिल्ली में कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन लागू है. लिहाजा, डीडीयू मार्ग पर स्थित बीजेपी का राष्ट्रीय दफ्तर भी आज बंद है. आमतौर पर यहां चुनाव नतीजों के दिन काफी हलचल रहती है लेकिन आज ऐसा नहीं है.
इसके अलावा जब भी किसी राज्य या देश के चुनाव नतीजे आते हैं और बीजेपी को जीत मिलती है नरेंद्र मोदी समेत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता पार्टी मुख्यालय पहुंचते हैं. शाम में वहां बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता जुटते हैं और पीएम मोदी का संबोधन भी होता है.
लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा. अगर बीजेपी को बंगाल या असम समेत अन्य किसी राज्य में भी जीत मिलती है तब भी दिल्ली के दफ्तर में कोई आयोजन, कोई जश्न नहीं होगा. बीजेपी की सबसे ज्यादा नजर बंगाल पर है. एग्जिट पोल के अनुमानों पर नजर डालें तो बंगाल में बीजेपी कांटे की टक्कर देती नजर आ रही है, जबकि असम में उसकी सरकार बनती दिखाई दे रही है. असम में पहले से ही बीजेपी की सरकार है, लेकिन बंगाल में बीजेपी का बहुत कुछ दांव पर लगा है. दूसरी तरफ केरल में बीजेपी का कोई आधार नजर नहीं आ रहा है और तमिलनाडु की बात करें तो एग्जिट पोल में यहां भी बीजेपी गठबंधन सत्ता से दूर दिखाई दे रहा है. हालांकि, केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में एनडीए की वापसी के आसार हैं.
इस पांचों राज्यों में राजनीतिक लिहाज से सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बंगाल है. ऐसे में अगर यहां बीजेपी को जीत मिलती है तो निश्चित ही उसके लिए ये बड़े जश्न का मौका होगा. हालांकि, चुनाव आयोग ने कोरोना संक्रमण के चलते हुए जीत के जश्न पर रोक लगा रखी है. ऐसे में बंगाल में जीत के बाद अगर बीजेपी का कोई कोई कार्यक्रम होगा भी तो बंगाल में पार्टी दफ्तर यानी कोलकाता में होगा. यही वजह है कि सुबह से ही कोलकाता स्थित बीजेपी दफ्तर में नेताओं का आना शुरू हो गया है.