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पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की सत्ता में वापसी पर ग्रहण लगता नजर आ रहा है. वहीं, बंगाल में बीजेपी नंबर दो की हैसियत से अब नंबर वन के संभावना दिख रही है. इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक 3 सीटों वाली भाजपा तीन अंको में ही नहीं बल्कि राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर रही है. यही वजह है कि बंगाल में बीजेपी के सरकार बनने के आसार नजर आ रही है. सभी एग्जिट पोल में बंगाल में बीजेपी को जबरदस्त फायदा और टीएमसी को सीटों का भारी नुकसान होता साफ दिखाई दे रहा है.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया एग्जिट पोल के मुताबिक बंगाल की 292 सीटों पर बीजेपी और टीएमसी के बीच कांटे का मुकाबला है. सर्वे की माने तो बीजेपी गठबंधन को सबसे ज्यादा 134 से 160 सीटें मिलने की संभावना है जबकि टीएमसी गठबंधन को 130 से 156 सीटें मिलती दिख रही हैं. वहीं, कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन का बंगाल से पूरी तरह सफाया होता नजर आ रहा है और उसे 0-2 सीटें और अन्य 0-1 सीटें मिलने का अनुमान है.
एग्जिट पोल के सर्वे अगर दो मई को चुनावी नतीजे में तब्दील होते हैं तो बंगाल में बीजेपी पहली बार सरकार बनाती नजर आएगी. वहीं, दस साल से काबिज ममता बनर्जी के लिए राजनीतिक तौर पर बड़ा झटका होगा, क्योंकि उनकी बड़ी संख्या में सीटें घट रही हैं. ममता ने बंगाल चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी.
ममता बनर्जी की ओर से बार-बार यह कहा जा रहा था कि बंगाल में भाजपा तीन अंकों को भी पार नहीं कर पाएगी. ममता के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर यह ताल ठोकते रहे कि बीजेपी 100 का आंकड़ा पार कर गई तो वह अपना काम छोड़ देंगे. फिलहाल रोचक यह है कि जिन कुछ चैनलों पर ममता की सरकार बनने का आकलन किया जा रहा है, वे भी भाजपा को सौ से पार ही दिखा रहे हैं. बंगाल के सभी एग्जिट पोल में बीजेपी को 100 सीटों से ज्यादा सीटें मिलने की संभावना जता रहे हैं.
हालांकि, एग्जिट पोल्स दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल में 10 सालों से सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की टीएमसी एक बार फिर से सरकार बनाने में कामयाब हो जाएगी तो वहीं पिछले चुनाव में महज 3 विधायकों वाली बीजेपी को बड़ा फायदा होता दिख रहा है. सभी एग्जिट पोल्स में बीजेपी को 100 के पार दिखाया गया है तो 4 एग्जिट पोल्स में उसे बहुमत से लेकर बंपर सीटें तक मिलने का अनुमान जताया गया है. सभी एग्जिट पोल में यह समानता है कि लेफ्ट और कांग्रेस गठबंधन की करारी हार होती दिख रही है.
पश्चिम बंगाल के वोट शेयर को देखे तो टीएमसी को 44 फीसदी और बीजेपी को 43 फीसदी मिलता दिख रहा है. हालांकि, सीटों के मामले में टीएमसी से बीजेपी आगे है. 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी का वोट शेयर 44.9 फीसदी था जबकि बीजेपी का 10.2 फीसदी थी. वहीं, कांग्रेस लेफ्ट गठबंध का 37.9 फीसदी था. और अन्य को 7 फीसदी वोट शेयर मिला था.
इंडिया टुडे ग्रुप के कन्सल्टिंग एडिटर प्रभु चावला कहते हैं कि बंगाल में लेफ्ट और कांग्रेस के जो वोटर थे, वह इस बार बीजेपी की तरफ शिफ्ट होते हुए दिखाई दे रहे हैं. यही वजह है कि बीजेपी को बंगाल में काफी फायदा मिला है, और प्रदर्शन काफी बेहतर दिखाई दे रही है.
सीएसडीएस में प्रोफेसर और राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार भी कहते हैं कि बंगाल का पूरा चुनाव ममता बनर्जी के इर्द-गिर्द सिमटा हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन ऐसी स्थिति में दिखाई नहीं दे रहा था कि टीएमसी को चुनौती दे रहा है. इसी वजह से कांग्रेस-लेफ्ट का वोट लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर शिफ्ट हो गया है, क्योंकि बीजेपी ही ममता के खिलाफ लड़ती दिख रही थी.
वरिष्ठ पत्रकार जयंतो घोषाल कहते हैं कि बंगाल में कांटे की टक्कर है, लेकिन असल विजेता बीजेपी ही है. भारतीय जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी के राज्य बंगाल में बीजेपी ने जीतने के लिए क्या-क्या जतन नहीं किए. गोविंदाचार्य के एक समय में बंगाल का प्रभारी बनाकर भेजा गया था, लेकिन वो भी कामयाब नहीं हो सके थे. लेकिन बीजेपी बंगाल में जिस तरह की सफलता हासिल कर रही है, वो पार्टी के लिए बड़ी बात है. हालांकि, साथ ही जयंतो कहते हैं कि ममता बनर्जी ने जिस तरह से बंगाल में चुनावी प्रचार अभियान किया है और एंटी दिल्ली को मुद्दा बनाया है, वैसा काम लेफ्ट भी एक दौर में करता रहा है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को महज तीन सीटें मिली थी, लेकिन इस बार वो तीन आंकों के आंकड़े में खड़ी नजर आ रही है. बंगाल की सियासी जंग फतह करने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी और पार्टी नेताओं ने डेरा जमाकर एक-एक सीट जीतने के लिए रणनीति बनाई थी. इसी का नतीजा है कि बंगाल में ममता बनर्जी सत्ता की हैट्रिक लगाने के मंसूबों पर पानी फिर सकता है और बीजेपी पहली बार राज्य में सरकार बनाने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं.
बंगाल चुनाव को लेकर 7 एग्जिट पोल किए गए हैं. इन 7 सर्वे में से 3 में टीएमसी को बढ़त दिखाई गई है, जबकि 4 सर्वे में बीजेपी की जीत का दावा किया गया है. इस तरह से सभी सर्वे का औसत निकालें तो बीजेपी को 142 सीटें हासिल हो सकती हैं, जबकि टीएमसी के खाते में 135 सीटें जा सकती हैं. राज्य में 292 सीटों पर वोटिंग हुई है और इस तरह से देखें तो राज्य में बहुमत के लिए 147 सीटों के जादुई आंकड़े की जरूरत है. भले ही बंगाल की चुनावी तस्वीर 2 मई को ही साफ होगी, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों ने सियासी दलों की धड़कनों को बढ़ा दिया है.