पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस सबके बीच शुक्रवार को बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए ममता सरकार को आड़े हाथों लिया. राज्यपाल ने कहा कि बंगाल में कानून व्यवस्था बेहाल हो चुकी है और लोकतांत्रिक अधिकारों को खत्म किया जा रहा है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्यपाल ने किस तरह ममता सरकार को घेरा, 10 प्वाइंट्स में जानें...
1. बंगाल में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है. राज्य के हालात बद से बदतर हो रहे हैं, सिर्फ भ्रष्टाचार चल रहा है. सरकारी तंत्र का राजनीतिक तंत्र हो गया है और विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं है.
2. मुख्यमंत्री को बाहरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. क्या भारतीय नागरिक भी बाहरी हैं. मुख्यमंत्री को आग से नहीं खेलना चाहिए, संविधान का पालन करना चाहिए.
3. संविधान की आत्मा का ध्यान रखें, भारत एक है उसका नागरिक है. अगर आप इस रास्ते से भटकती हैं, तब मेरे दायित्व की शुरुआत होती है.
4. मैंने डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी से कल की घटना समेत अन्य मुद्दों पर रिपोर्ट मांगी, लिखित में आदेश दिया. लेकिन दोनों बिना किसी रिपोर्ट या अपडेट के मुलाकात करने पहुंचे.
5. राज्य में किसी विपक्ष के लिए जगह नहीं है. सत्ता दल से अलग कोई नेता यहां पर सुरक्षित नहीं है. उनके लिए कोई अधिकार नहीं बचे हैं, ना ही लोकतांत्रिक और ना ही मानवाधिकार.
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6. किसी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष के काफिले पर हमला होना गलत. ऐसा नहीं होना चाहिए थे, ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है. लोकतंत्र में हर किसी को अपने विचारों को रखने का हक है.
7. बंगाल की CM संविधान में बंधी हैं, उन्हें नियमों और कानून का पालन करना होगा. वो संविधान से अलग हटकर काम नहीं कर सकती हैं.
8. मुख्यमंत्री किस प्रकार लापरवाह हो सकता है, क्या बंगाली कल्चर इस तरह बात करने की इजाजत देता है. ममता बनर्जी वरिष्ठ नेता हैं, मुख्यमंत्री के तौर पर दूसरा कार्यकाल पूरा कर रही हैं.
9. नियमों के मुताबिक, मैंने केंद्र सरकार को राज्य के हालात पर रिपोर्ट भेजी है.
10. मीडिया, विपक्ष और प्रदर्शनकारियों को राज्य में स्थान मिलना जरूरी. यही लोकतंत्र की असली रीढ़.