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सीतलकुची हिंसा को लेकर कांग्रेस सांसद ने भी दाखिल की PIL, रखी ये 2 मांग

बंगाल में सीतलकुची हिंसा मामले में तीसरी पीआईएल दाखिल की गई है. इससे पहले 12 अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट में दो पीआईएल दाखिल की गई थी जिसे एक में ही क्लब कर दिया गया.

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कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी PIL दाखिल की
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी PIL दाखिल की
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सीतलकुची हिंसा को लेकर अब तीन PIL दाखिल
  • कांग्रेस सांसद अधीर रंजन ने दाखिल की याचिका
  • सीबीआई या HC के जजों की निगरानी में जांच की मांग

बंगाल से कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सीतलकुची हिंसा को लेकर एक जनहित याचिका दायर की है. जनहित याचिका में कांग्रेस सांसद ने सीतलकुची हिंसा की सीबीआई जांच या हाई कोर्ट के वर्तमान जजों से मामले की जांच कराने की मांग की है. सीतलकुची हिंसा मामले में यह तीसरी पीआईएल है.

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सीतलकुची हिंसा पर इस याचिका से पहले 12 अप्रैल को कलकत्ता हाई कोर्ट में दो और पीआईएल दाखिल की गई थी जिसे एक में ही क्लब कर दिया गया. राज्य में चौथे चरण के मतदान के दौरान कोच बिहार के सीतलकुची में हिंसा हुई थी, जिसमें चार लोगों की जान चली गई.

कोच बिहार के सीतलकुची विधानसभा में बूथ नंबर 126 पर जो खूनी संघर्ष देखने को मिला, उसी जगह पर रविवार को 'आजतक' भी पहुंचा. पिछले हफ्ते शनिवार को चौथे चरण के मतदान के दौरान बूथ संख्या 126 पर स्थानीय लोगों और केंद्रीय पुलिस बल के बीच जमकर बवाल मचा जिसमें केंद्रीय पुलिस बल के तरफ से हुई फायरिंग में 4 लोगों की मौत हो गई थी. इस घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है, और हालात का जायजा लेने के लिए 'आजतक' की टीम गांव पहुंची.

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हिंसा के बाद गांव में आक्रोश

गांव में चार लोगों की मौत के बाद लोगों में आक्रोश है. पोलिंग बूथ के बाहर खून के निशान मौजूद थे. सीतलकुची में जिन चार युवकों की केंद्रीय पुलिस बल के द्वारा की गई फायरिंग में मौत हुई उनमें से एक 20 वर्षीय नूर आलम भी था. 'आजतक' ने नूर आलम के बड़े भाई मुजिबुल आलम से बातचीत की जिसने शनिवार को हुई हिंसा के बारे में बताया.

उसने कहा, 'मेरा भाई वोट डालने गया हुआ था जब सीआईएसएफ के जवानों की तरफ से गोलीबारी की गई जिसमें मेरा भाई भी मारा गया. यह सब कुछ बीजेपी के इशारे पर किया गया है. मुझे इस पूरे मामले में न्याय चाहिए.'

अन्य ग्रामीणों ने भी इस घटना पर अपना आक्रोश जताते हुए बीजेपी और केंद्रीय पुलिस बल को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. स्थानीय लोगों ने मांग की कि बूथ संख्या 126 पर जब भी चुनाव होंगे तो केंद्रीय पुलिस बल की मौजूदगी नहीं होनी चाहिए.

वहीं स्थानीय आलीजर रहमान का कहना है कि इस बूथ पर जब वोट होगा तो हम नहीं चाहते हैं कि अब केंद्रीय पुलिस वाहिनी यहां पर मौजूद रहे. यह स्थानीय पुलिस रहेगी तो शांतिपूर्ण तरीके से मतदान होगा. इस पूरे मामले में पीड़ित परिवार को मुआवजा भी मिलना चाहिए.

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