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मोदी-शाह मेरे दोस्त, बीजेपी में शामिल होने से कोई नहीं रोक सकता: दिनेश त्रिवेदी

दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि 1990 से नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं. इसलिए कभी भी पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हुए. अमित शाह भी मेरे मित्र हैं. अगर मैं बीजेपी से जुड़ना चाहता हूं तो मुझे कोई रोक नहीं सकता. बीजेपी से जुड़ना कोई गलत बात नहीं.

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पूर्व टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी
पूर्व टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दिनेश त्रिवेदी ने कहा- पीएम मोदी मेरे दोस्त
  • बीजेपी में शामिल होने से कोई नहीं रोक सकता
  • दिनेश त्रिवेदी का बीजेपी में स्वागत- बाबुल सुप्रियो

पश्चिम बंगाल की चुनावी सरगर्मियों के बीच टीएमसी सांसद दिनेश त्रिवेदी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. दिनेश त्रिवेदी का बीजेपी में जाना तय माना जा रहा है. इस बीच इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (ईस्ट) में त्रिवेदी ने तमाम राजनीतिक मसलों समेत टीएमसी और बीजेपी पर पूछे गए सवालों का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं. बीजेपी में शामिल होने में कोई बुराई नहीं. अगर मैं बीजेपी में शामिल होना चाहूं तो कोई नहीं रोक सकता है. 

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मोदी-शाह मेरे दोस्त 

इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि 1990 से नरेंद्र मोदी मेरे दोस्त हैं. इसलिए कभी भी पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हुए. अमित शाह भी मेरे मित्र हैं. अगर मैं बीजेपी से जुड़ता हूं तो मुझे कोई रोक नहीं सकता. बीजेपी से जुड़ना कोई गलत बात नहीं है.

त्रिवेदी ने कहा कि दोनों (मोदी-शाह) सिर्फ भारत के बारे में सोचते हैं. जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब भी मैं उनसे मिलने जाता था. 

दिनेश त्रिवेदी का बीजेपी में स्वागत: बाबुल सुप्रियो

केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने दिनेश त्रिवेदी के बीजेपी में शामिल होने के सवाल पर कहा कि त्रिवेदी बल्लेबाज नहीं बल्कि ऑलराउंडर हैं. मैं उनका बीजेपी में स्वागत करता हूं. हम साथ में मिलकर काम करेंगे. उनके इस बयान से पहले बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने भी दिनेश त्रिवेदी का बीजेपी में स्वागत करने की बात कही थी. ऐसे माना जा रहा है कि त्रिवेदी बहुत जल्द बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. 

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ममता बनर्जी के लिए बेहतरी की कामना

कॉन्क्लेव में दिनेश त्रिवेदी ने संसद में इस्तीफे के एलान को लेकर कहा कि इस्तीफे से पहले मैंने अपने गुरु से पूछा और उन्होंने कहा कि कर दो और मैंने इस्तीफा दे दिया. त्रिवेदी ने आगे कहा कि मैं ममता बनर्जी के लिए बेहतरी की कामना करता हूं. मेरा उनसे निजी तौर पर कोई मतभेद नहीं है. दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि मेरा ममता बनर्जी से हाथ जोड़कर निवेदन है कि बस वो हिंसा न करें और हिंसा की निंदा करें. मेरे ऊपर बोझ था आज वो सिर से हट गया. त्रिवेदी ने कहा कि मेरा इस्तीफा पहले से तय नहीं था. 

दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफ़ा मंजूर

वहीं, राज्यसभा के सभापति वैंकेया नायडू ने दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफ़ा स्वीकार कर लिया है. सभापति ने पूछा कि किसी दबाव में तो आपने इस्तीफ़ा नहीं दिया, इस्तीफ़ा वापस तो नहीं लेना चाहते या सोचने के लिए और समय चाहिए? इस पर दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि मैंने इस्तीफ़ा किसी दबाव में नहीं दिया. इसके बाद सभापति वैंकेया नायडू ने दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफ़ा स्वीकार किया. 


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