पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर जारी सियासी हलचल के बीच चुनाव आयोग की एक टीम अगले हफ्ते बंगाल का दौरा करेगी. आयोग राज्य में चुनावी तैयारियों का जायजा लेगा. चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक, राज्य में राजनीतिक हिंसा और कानून व्यवस्था को लेकर काफी शिकायतें आ रही हैं. लिहाजा लगातार राजनीतिक प्रतिशोध के लिए हो रही हिंसा और कानून व्यवस्था को लेकर राजनीतिक दलों की शिकायतों के मद्देनजर आयोग बंगाल का दौरे पर इसका जायजा लेगा.
इस बीच आयोग ने ये साफ कर दिया है कि पश्चिम बंगाल में मतदान केंद्रों के आसपास सौ मीटर के दायरे में राज्य पुलिस की तैनाती की कोई मनाही या पाबंदी नहीं है. तृणमूल कांग्रेस ने आयोग के हवाले से ये कहा था कि आयोग ने राज्य पुलिस को चुनाव के दौरान मतदान केंद्रों से सौ मीटर के दायरे से बाहर रहने को कहा गया है. आयोग ने टीएमसी की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए अपने निर्देशों पर ये स्थिति साफ कर दी है.
बता दें कि चुनाव आयोग पहले चरण के मतदान से ठीक पहले बंगाल में चुनावी तैयारी का जायज़ा लेने के लिए अगले हफ्ते राज्य का दौरा करेगा. आयोग की टीम कोलकाता जाएगी.
आयोग के सूत्रों के मुताबिक, जबसे चुनाव कार्यक्रम का ऐलान हुआ है, तब से राज्य में राजनीतिक अशांति बढ़ गई है. दर्जन भर से ज्यादा वारदात हो चुकी हैं, जिनमें राजनीतिक दल अपने कार्यकर्ता की हत्या या जानलेवा हमला करने का इल्जाम विरोधी दल पर लगा रहे हैं.
चुनावी माहौल गरमाया तो राजनीतिक दल एक दूसरे की शिकायतें लेकर चुनाव आयोग की चौखट पर आने लगे. हर किसी दल को लगता है कि सामने वाला ही गलत है.
अब पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने आयोग से शिकायत की है कि बीजेपी कार्यकर्ताओं ने टीएमसी कार्यकर्ताओं पर हमला किया है. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने आयोग को लिखित ज्ञापन में नंदीग्राम के बोयल और सोनाचुरु इलाके में हुई दो घटनाओं का जिक्र तस्वीरों के साथ किया है.
टीएमसी ने दोनों घटनाओं की छानबीन कर उचित कार्रवाई करने की अपील आयोग से की है. आज (शुक्रवार) को भी टीएमसी और बीजेपी प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से अलग-अलग मुलाकात कर शिकायत की.
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा और सौगत रॉय की अगुवाई में तृणमूल का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला. मुलाकात के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा कि पोलिंग बूथ के 100 मीटर के अंदर केंद्रीय फोर्स की तैनाती पर फिर से विचार होना चाहिए. इसके अलावा चुनाव आयोग को ममता बनर्जी पर हुए हमले के मामले में विस्तृत रिपोर्ट देनी चाहिए, क्योंकि अभी जो रिपोर्ट आई है वो पूरी नहीं है.