बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर राज्य में सियासी घमासान छिड़ चुका है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ममता के गढ़ को फतह करने के लिए पूरे दमखम से उतर चुकी है. शनिवार को बीजेपी ने फिर ममता बनर्जी को बड़ी सियासी चोट पहुंचाते हुए टीएमसी के 5 कद्दावर नेताओं ने अपने पाले में कर लिया.
टीएमसी के पूर्व नेता राजीब बनर्जी, विधायक बैशाली डालमिया, प्रबीर घोषाल, रुद्रनील घोष और रथिन चक्रवर्ती ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की. इसके बाद ये सभी बीजेपी में शामिल हो गए.
राजीब बनर्जी ने 22 जनवरी को ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार से कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था. उन्हें ममता ने राज्य के वन मंत्री की जिम्मेदारी सौंपी थी. दोमजूर विधानसभा सीट से विधायक एवं पूर्व वन मंत्री ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंपा था.
बैशाली डालमिया को टीएमसी ने किया था बाहर
हाल ही में विधायक बैशाली डालमिया को टीएमसी ने पार्टी विरोधी गतिविधि के चलते बाहर कर दिया था. बल्ली सीट से विधायक वैशाली डालमिया ने भ्रष्टाचार समेत तमाम मुद्दों को लेकर टीएमसी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. बैशाली डालमिया भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के कद्दावर अध्यक्ष रहे जगमोहन डालमिया की बेटी हैं.
प्रबीर घोषाल भी टीएमसी से इस्तीफा दे चुके हैं. हुगली के पुरशुरा में ममता बनर्जी की रैली में उत्तरपाड़ा के तृणमूल कांग्रेस विधायक प्रबीर घोषाल नहीं पहुंचे थे. घोषाल पिछले कई दिनों से टीएमसी के कामकाज करने की तरीकों पर सवाल उठा रहे थे.
बीजेपी का दामन थामा
वहीं, हावड़ा के पूर्व मेयर रतिन चक्रवर्ती और एक्टर रुद्रनील घोष ने भी बीजेपी का दामन थाम लिया है. वहीं, नदिया जिले के राणाघाट पश्चिम विधानसभा से विधायक रहे टीएमसी के बागी नेता पार्थसारथी चट्टोपाध्याय के भी बीजेपी में शामिल होने की संभावना है.
इससे पहले शुभेंदु अधिकारी जैसे कद्दावर नेता ने ममता बनर्जी का साथ छोड़ बीजेपी का हाथ थामा था. इसके अलावा दो और विधायकों मिहिर गोस्वामी और अरिंदम भट्टाचार्य ने भी टीएमसी से अलग होकर कमल का झंडा थाम लिया था. ऐसे में ममता के लिए अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं को अपनी पार्टी में ही संतुष्ट करना बेहद जरूरी हो गया है.