इंडिया टुडे कॉन्क्लेव (India Today Conclave East 2021) के चौथे संस्करण में आयोजित पोल Poll Position: Appropriation of Icons: Whose Netaji? Whose Tagore? सेशन में सांसद स्वपन दासगुप्ता, इतिहासकार और पूर्व सासंद डॉ. सुगाता बोस और राज्यसभा सांसद डॉ. सांतनु सेन शामिल हुए. इसमें तीनों वक्ताओं ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस और रविंद्रनाथ टैगोर के विचारों और उनकी विरासत पर बातचीत की. इस सेशन में टीएमसी के राज्यसभा सांसद डॉ. सांतनु सेन ने कहा कि जिस समय नेताजी सुभाषचंद्र बोस देश की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे, उस समय सावरकर जैसे लोग उनका विरोध कर रहे थे.
डॉ. सांतुन सेन ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस आइकन थे. वो सबसे बड़े स्वतंत्रता सेनानी भी थे. भारत से बाहर जाकर ब्रिटिश सरकार के खिलाफ सेना बनाई. उनकी सेना ने ही टैगोर के जन, गण, मन को राष्ट्रगान बनाने की सोची. बोस ने ही तिरंगा को राष्ट्रीय झंडा बनाने की बात कही थी. नेताजी ने ही सेक्युलरिज्म की बात कही थी. भारतीय सेना के गठन के समय उन्होंने कहा था कि यहां जातिवाद और धार्मिक भेदभाव नहीं होगा.
डॉ. सांतुन सेन ने कहा कि बीजेपी के लोग जयश्रीराम के नारे लगाते हैं. वो नाथूराम को मानते हैं. उन्होंने कहा कि 2011 से अब तक ममता बनर्जी ने बहुत विकास का काम किया है. हमारे वोटर्स का ध्यान इन चीजों से नहीं बदलेगा. हम फिर जीतेंगे. डॉ. स्वपन दासगुप्ता ने कहा कि नेताजी और टैगोर किसी की निजी संपत्ति नहीं है. इस पर डॉ. बोस ने कहा कि ये दोनों अलग-अलग तरह की राष्ट्रीयता की बात करते हैं. लेकिन टैगोर और नेताजी एक ही बात कहते थे कि इस देश में सारे लोग एकसाथ हों और सबको बराबरी का दर्जा मिले.