बंगाल में औद्योगिक विकास को लेकर हुई चर्चा के दौरान अम्बुजा नियोतिया ग्रुप के चेयरमैन हर्षवर्धन नियोतिया ने कहा कि कोलकाता को ईस्टर्न इंडिया का बिजनेस गेटवे बनाया जा सकता है. इसके लिए यहां पूरी क्षमता है. उदाहरण के तौर पर उन्होंने कहा कि यहां हल्दिया पोर्ट उद्योगों के लिए काफी लाभदायक हो सकता है. लेकिन जो भी नई सरकार आए उसे बंगाल को लेकर धारणा बदलने पर काम करना होगा.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन चर्चा के दौरान नियोतिया ने कहा, ''यहां बिजली है, लेबर उपलब्ध है लेकिन सिंगूर प्रोटेस्ट जैसी घटना से बंगाल के उद्योग को लेकर छवि खराब हुई है. उसे बदलने की जरूरत है. बंगाल में हमेशा दूसरी पार्टी की सरकार रही है और केंद्र में दूसरी. ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों के बीच तालमेल ठीक होना जरूरी है तभी विकास संभव है. साथ ही कोलकाता में मेट्रो का तेजी से विकास करना होगा. यह गेम चेंजर साबित हो सकता है.''
श्री इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड चेयरमैन हेमंत कनोरिया ने कहा, ''कोलकाता को मैन्युफैक्चरिंग हब बनाया जा सकता है. इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना बहुत जरूरी है. कोलकाता का लोकेश बहुत अच्छा है. यह जरूरी नहीं है कि सभी उद्योग और फैक्ट्री कोलकाता में ही लगे, पुरुलिया जैसी जगहों का विकास कर उन इलाकों में भी उद्योग लगाए जा सकते हैं. हालांकि अब तक की सरकारों ने विकास करने का लगातार प्रयास किया लेकिन अब जो नई सरकार आएगी, उसे विकास को रफ्तार देने की जरूरत है.''
उन्होंने कहा कि योजना बनाते समय यहा ध्यान रखने की जरूरत है कि क्या यह व्यवहारिक है. अगर इस ध्यान में रखकर पॉलिसी बनती है तो विकास जरूर होगा.
बंधन बैंक के प्रबंध निदेशक चंद्र शेखर घोष ने कहा कि बंगाल में औद्योगिक क्षमता काफी है. बंगाल सब्जियों के उत्पादन में देश में टॉप पर है. लेकिन उद्योगपतियों के बीच परसेपशन बदलने की जरूरत है. यहां उद्योग लगाने में उद्योगपति डरते हैं. अगर कृषि का विकास करना चाहते हैं तो यह ध्यान देना होगा कि किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य मिले. एमएसएमई के लिए लाइसेंस देने की ऑनलाइन व्यवस्था करने की जरूरत है.
लक्ष्मी टी के प्रबंध निदेशक रुद्र चटर्जी ने कहा कि कोलकाता का लोकेशन और यहां की आबादी प्लस प्वाइंट है. बंगाल में 250 बिलियन डालर यानी कि वियतनाम के बराबर इकोनॉमिक क्षमता है. कोई भी नई सरकार आती है तो उसे विकास को रफ्तार देने की जरूरत है. टार्गेट तय है 250 बिलियन डालर की इकोनॉमी बनाना.
बता दें कि इंडिया टुडे कॉन्क्लेव ईस्ट 2021 के दूसरे दिन ''बिजनेस बोर्ड: एक्ट ईस्ट: हाऊ टू बैलेंस पॉलिसी एंड प्रैग्मैटिस्म'' सेशन के दौरान बंगाल में औद्योगिक क्षमता पर चर्चा हुई. इसमें कई बिजनेस टायकून ने शिरकत की.