पूरे देश में आज से कोविड-19 के खिलाफ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत हो गई है. वहीं पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजी जारी है. पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी ने देशभर में तीन करोड़ लोगों को फ्री वैक्सीन भेजी है. उसी योजना के अंतर्गत पश्चिम बंगाल में भी फ्री वैक्सीन लगाई जा रही है. मगर ममता बनर्जी अपनी फोटो वाले पत्र में कह रही हैं कि वैक्सीन उन्होंने भेजी है. इससे बड़ा सफेद झूठ नहीं हो सकता है. ये बेशर्मी की हद है.
इससे पहले शनिवार सुबह पीएम मोदी ने कोरोना वैक्सीनेशन की शुरुआत की. पहले चरण के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में इसके लिए कुल 3006 टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. पहले दिन तीन लाख से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड-19 के टीके की खुराक दी जाएगी.
सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी. बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा. स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी.
पहले से मजबूत हुई बीजेपी
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार का कार्यकाल 30 मई को खत्म होने जा रहा है. 2013 के बंगाल चुनावों में बीजेपी आज की तुलना में एक कमजोर पार्टी हुआ करती थी. लेकिन अब हालात बदले हुए हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में उसके खाते में राज्य की 18 सीटें आईं.
बीजेपी ने बंगाल में अपनी जमीन बनाई. इसे कोई नहीं नकार सकता. 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी की सीट 2 से बढ़कर 18 हुईं. यही नहीं उसके वोट शेयर में 16 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. राज्य की सत्ताधारी पार्टी टीएमसी 12 सीटों पर चुनाव हार गई. वो 34 सीटों से सिमट कर 22 पर आ गई. उसके वोट शेयर में भी 12 फीसदी की गिरावट आई.
टीएमसी के चुनावी पंडितों को लगता है कि बीजेपी को उस चुनाव में लेफ्ट के हिस्से का वोट मिला. उस समय कांग्रेस और लेफ्ट का गठबंधन आज की तरह एक साथ नहीं था. इसलिए टीएमसी नेताओं ने बंगाल के वामपंथी मतदाताओं से आह्वान दिया कि वे बीजेपी की "सांप्रदायिकता" को रोकने के लिए टीएमसी को वोट दें. बंगाल के चुनावी कुरुक्षेत्र में यह एक नया दिलचस्प मोड़ है.