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बंगालः प्रशंसकों को शुभेंदु के अगले कदम का इंतजार, हल्दिया में लगे बड़े बैनर और होर्डिंग्स

जब शुभेंदु अधिकारी से उनकी वर्तमान राजनीतिक स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, 'मेरी पहचान है कि मैं बंगाल का एक बेटा और भारत का बेटा हूं.' अब यह साफ दिख रहा है कि शुभेंदु एक अलग राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं.

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शुभेंदु अधिकारी के प्रशंसक हल्दिया में लगातार अपने नेता के प्रचार में जुटे (फोटो-इंद्रजीत)
शुभेंदु अधिकारी के प्रशंसक हल्दिया में लगातार अपने नेता के प्रचार में जुटे (फोटो-इंद्रजीत)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • शुभेंदु अधिकारी ने पिछले दिनों मंत्री पद छोड़ा
  • हल्दिया में प्रशंसकों मुख्यमंत्री बनने तक का नारा लगा रहे
  • मेरी पहचान मैं बंगाल और भारत का बेटाः शुभेंदु

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अभी कुछ महीनों का वक्त है, लेकिन यहां का सियासी पारा गरम होता जा रहा है. ममता बनर्जी मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिए जाने के बाद से शुभेंदु अधिकारी को लेकर राजनीतिक कयासबाजी जारी है और उनके अगले कदम पर सभी की नजर बनी हुई है.

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लेकिन कोलकाता से करीब 120 किलोमीटर दूर हल्दिया का नजारा कुछ और ही है और यहां पर शुभेंदु अधिकारी के प्रशंसक उन्हें राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं. उनके प्रशंसकों को 'शुभेंदु अधिकारी फॉर सीएम' के नारे लगाते हुए सुना जा सकता है.

बड़ी संख्या में युवा अपने नेता की फोटो लगी टी-शर्ट पहने औद्योगिक शहर हल्दिया में उनके समर्थन में प्रचार कर रहे हैं.

शुभेंदु अधिकारी के लगे बड़े बोर्ड (फोटो-इंद्रजीत)
शुभेंदु अधिकारी के लगे बड़े बोर्ड (फोटो-इंद्रजीत)

हल्दिया में बड़े बैनर्स

इस बंदरगाह शहर में "अमरा दादर अनुगामी" (हम दादा के अनुयायी) जैसे बड़े कैप्शन के साथ विशाल बैनर्स लगाए गए हैं. साथ ही "बंग्लर महागुरु" के रूप में उनको प्रचारित किया जा रहा है.

माना जा रहा कि शुभेंदु किसी औपचारिक ऐलान से पहले कारपोरेट जनसंपर्क अभियान के जरिए खुद को राजनीतिक शक्ति के केंद्र के रूप में प्रदर्शित करना चाह रहे हैं. उनके समर्थकों का कहना है, 'चाहे वह बीजेपी में शामिल हों, टीएमसी में लौटें या फिर अपनी ही कोई अलग पार्टी खड़ी करें लेकिन हम हमेशा उनके साथ ही रहेंगे.'

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शुभेंदु अधिकारी के प्रशंसक
शुभेंदु अधिकारी के प्रशंसक

बंगाल के पूर्व मंत्री अपने घर पर अपनी ताकत मजबूत करना चाहते हैं और सूत्र बताते हैं कि नंदीग्राम आंदोलन में ममता के सहयोगी रहे शुभेंदु भारतीय जनता पार्टी के नेताओं से लगातार संपर्क में हैं. अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि टीएमसी सांसद सौगत राय, जिन्हें ममता बनर्जी ने उन्हें मनाने का जिम्मा सौंपा था, ने गुरुवार को इसे "बंद अध्याय" करार दिया.

मेरी पहचान मैं बंगाल का बेटाः शुभेंदु

जब शुभेंदु अधिकारी से उनकी वर्तमान राजनीतिक स्थिति को स्पष्ट करने के लिए कहा गया, तो उन्होंने कहा, 'मेरी पहचान है कि मैं बंगाल का एक बेटा और भारत का बेटा हूं.' अब यह साफ दिख रहा है कि शुभेंदु एक अलग राजनीतिक पहचान बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इसके संकेत पिछले महीने ही दिख गए थे जब उन्होंने 10 नवंबर को एक गैरराजनीतिक मेगा सभा को संबोधित किया. इस कार्यक्रम में टीएमसी नजर नहीं आई.

और अब गुरुवार को, उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी खुदीराम बोस की जयंती मनाने के लिए दो कार्यक्रमों में हिस्सा लिया, पहले तमलुक में और फिर पश्चिम मिदनापुर जिले से सटे गरबेट में. लेकिन नंदीग्राम के एक पूर्व सहयोगी द्वारा हल्दिया में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में वह शामिल नहीं हुए जहां टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष मौजूद थे. घोष ने इंडिया टुडे से कहा कि वह TMC में एक उपेक्षित या किनारे किए गए सदस्य नहीं थे. वह एक मंत्री होने के अलावा, हल्दिया विकास प्राधिकरण और एचआरबीसी के प्रमुख भी थे.
 
दूसरी ओर, बीजेपी नेताओं का कहना है कि शुभेंदु का लगातार अपमान हो रहा है और उन्हें टीएमसी छोड़ देना चाहिए. 

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