पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी बयानबाजियां तेज हो गई हैं. सूबे की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और राज्यों के काम में दखल का आरोप लगाया है. बंगाल में जेपी नड्डा की सुरक्षा के जिम्मे वाले तीन आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली बुलाने को लेकर ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है.
ममता ने ट्वीट करते हुए लिखा है, पुलिस अधिकारियों के तबादले कर केंद्र सरकार राज्य सरकारों के काम में दखल दे रही है. भूपेश बघेल, अरविंद केजरीवाल, कैप्टन अमरिंदर सिंह, अशोक गहलोत और एमके स्टालिन का मैं अभिवादन करना चाहूंगी कि इन लोगों ने बंगाल के लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाई है और संघीय के ढांचे को बनाए रखने में अपना विश्वास जताया है.
Centre is brazenly interfering with State Govt functioning by transferring police officers. My gratitude to @bhupeshbaghel @ArvindKejriwal @capt_amarinder @ashokgehlot51 & @mkstalin for showing solidarity to people of Bengal & reaffirming their commitment to federalism.Thank you!
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 20, 2020
क्या है मामला
जेपी नड्डा के बंगाल दौरे के दौरान उन पर हुए हमले को लेकर केंद्र सरकार ने तीन आईपीएस अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति (तबादले) पर भेजा है. केंद्र के इस फैसले का विरोध आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पहले ही कर चुके हैं. केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा था कि, केंद्र सरकार ऐसा कर संघीय ढांचे पर हमला कर रही है. मैं पश्चिम बंगाल की प्रशासनिक व्यवस्था में केंद्र के जबरन हस्तक्षेप की निंदा करता हूं.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां तेज कर दी हैं. गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे पर हैं. बोलपुर और बीरभूम में रोड शो के दौरान अमित शाह ने कहा कि बंगाल की जनता विकास के लिए परिवर्तन करेगी. बांग्लादेश से घुसपैठ रोकने के लिए परिवर्तन होगा. ये भतीजे की दादागिरी समाप्त करने का परिवर्तन है.