पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार से कोलकाता में 5 रुपये में खाना देने वाली स्कीम 'मां' कैंटिन योजना की शुरुआत की है. 'मां कैंटिन' की वर्चुअल लॉन्चिंग करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि स्कीम के तहत 5 रुपये में दाल, चावल, सब्जी और अंडे की थाली दी जाएगी. फिलहाल, इस योजना के तहत अभी कोलकाता की 16 बोरो ऑफिस में लंच की व्यवस्था की जा रही है. प्रत्येक जगह लगभग हजार लोगों को दोपहर का भोजन कराया जाएगा.
बताया जा रहा है कि धीरे-धीरे इस योजना को कोलकाता से बाहर भी शुरू किया जाएगा. गौरतलब है कि तमिलनाडु में भी तत्कालीन सीएम जयललिता ने 'अम्मा कैंटीन' के नाम से इसी तरह की योजना शुरू की थी. जहां 5 रुपये में गरीबों को भरपेट भोजन दिया जाता था. अब उसी तर्ज पर ममता बनर्जी का नाम भी जुड़ रहा है. हालांकि, विपक्षी दल चुनाव पूर्व इसे चुनावी स्टंट बता रहे हैं.
पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि आज बंगाल में आम आदमी के पास पैसे नहीं हैं. इसलिए प्रदेश में सस्ते कैंटीन की योजना लॉन्च की गई है. इससे साफ स्पष्ट होता है कि दीदी पूरी तरह से सरकार चलाने में असफल रही है. उन्होंने आम लोगों को भिखारी बना दिया है. इसलिए आज लोगों को सब्सिडी वाले भोजन या सरकार द्वारा चलाई जा रही कैंटीन की जरूरत पड़ रही है.
वहीं टीएमसी नेता देबाशीष कुमार ने मुख्यमंत्री का बचाव करते हुए कहा कि ममता बनर्जी गरीबों को रोटी, कपड़ा और मकान देना चाहती है. जबकि बीजेपी अपनी सारी नीति आम आदमी के खिलाफ लेकर आ रही है. इसलिए वो कैंटीन योजना का विरोध कर रही है.
गौरतलब है कि बंगाल में इसी साल चुनाव होने हैं. यहां मुख्य तौर पर बीजेपी, कांग्रेस-लेफ्ट और टीएमसी के बीच मुकाबला माना जा रहा है. ओवैसी की पार्टी भी मैदान में ताल ठोक रही है. हाल ही में नेताजी के जयंती के बहाने राज्य में खूब सियासत देखने को मिली.
केंद्र की ओर से कई परियोजनाओं का ऐलान बंगाल के लिए किया गया. ऐसे में अब ममता सरकार की रसोई योजना को लेकर सियासत देखने को मिल रही है. माना जा रहा है कि कुछ महीनों में होने वाले चुनावों के मद्देनजर ममता सरकार ने आम लोगों को लुभाने के मकसद से यह फैसला लिया है.