मशहूर फिल्म अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती रविवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. उन्होंने कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में पीएम मोदी की रैली के मंच पर बीजेपी का झंडा उठाया. मिथुन चक्रवर्ती ने स्वीकार किया कि वह शुरुआत से ही वामपंथी रहे हैं और उन्होंने हमेशा गरीब और मानवता के लिए काम किया है. टीएमसी से बीजेपी में आने पर मिथुन ने कहा कि मैं किसी को गुनहगार नहीं साबित करूंगा किसी पर उंगली नहीं उठाऊंगा. लेकिन ये मेरा गलत फैसला था.
हालांकि चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने कुछ भी साफ नहीं किया है. पश्चिम बंगाल बीजेपी के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि फिल्मों के अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती बीजेपी के लिए हिंदी और बांग्ला में चुनाव प्रचार करेंगे.
असल में, बीजेपी को जिस बड़े बंगाली चेहरे की तलाश थी आज वो पूरी हो गई है. वामपंथ के मंच पर दिखने वाले मिथुन का भगवा खेमे में आना सबसे बड़ा यू टर्न है. पीएम मोदी की कोलकाता में पहली रैली है और ममता बनर्जी की घेराबंदी का पूरा प्लान है. अटकलों का बाजार तो काफी पहले से गर्म था.
मिथुन चक्रवर्ती की RSS प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के मायने भी लगातार तलाशे जा रहे थे. बीजेपी के नेता लगातार संदेश दे रहे थे कि कोशिश तो जारी है.
बंगाल के लिए मिथुन दा की अहमियत हर कोई जानता है. वे एक बड़े क्राउड पुलर हैं. 90 के दशक में उनकी फिल्में सुपरहिट रहती थीं. अपनी फिल्मों में करप्शन, शोषण और अन्याय के खिलाफ लड़ने वाले नायक का किरदार निभाने वाले मिथुन चक्रवर्ती अब असल जिंदगी में सक्रिय राजनीति में आ रहे हैं.
हालांकि, ममता बनर्जी उन्हें संसद के उच्च सदन यानी कि राज्यसभा पहले ही भेज चुकी हैं. लेकिन अब वो बीजेपी के मंच पर होंगे. इसके कयास पहले से लग रहे थे. लेकिन बीती रात कैलाश विजयवर्गीय ने उनसे मुलाकात की तो कयासबाजी पर काफी हद तक विराम लग गया.
विजयवर्गीय ने ट्वीट किया, "देर रात कोलकाता के बेलगाचिया में सिनेमा जगत के मशहूर अभिनेता मिथुन दा के साथ लम्बी चर्चा हुई. उनकी राष्ट्र भक्ति और गरीबों के प्रति प्रेम की कहानियां सुनकर मन गदगद हो गया."
मिथुन ने इच्छा जताई कि चुनावों में वो बीजेपी के लिए बंगाली मानुष से वोट भी मांगेंगे. लेकिन वो चुनाव लड़ेंगे या नहीं, इस पर अभी तक सस्पेंस बरकरार है.