पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस में बगावत करने वालों की लाइन लग गई है. ममता सरकार में कभी मंत्री रहे शुभेंदु अधिकारी ने विधायक पद से इस्तीफा दिया है, उनके अलावा कई और ऐसे नेता हैं जिन्होंने या तो पार्टी छोड़ने की ठानी है. वरना पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं. चुनाव से पहले जानें ऐसे कौन-से नेता हैं, जिन्होंने TMC में बागी सुर छेड़े हैं...
शुभेंदु अधिकारी: ममता सरकार में मंत्री रह चुके शुभेंदु को पार्टी में अच्छी पकड़ वाला माना जाता रहा है. वो पूर्व में सांसद रह चुके हैं, सबसे पहले मंत्रालय छोड़ा और उसके बाद पार्टी के अन्य पदों से इस्तीफा दिया. अब विधायकी का पद त्यागने के बाद उनके बीजेपी में आने के आसार हैं.
हालांकि, शुभेंदु अधिकारी का इस्तीफा अभी मंजूर नहीं हुआ है. स्पीकर का कहना है कि मैंने इस्तीफा देखा है, वो नियमों के मुताबिक नहीं है. ऐसे में इसपर बाद में निर्णय किया जाएगा.
मिहिर गोस्वामी: कूचबिहार विधानसभा से आने वाले मिहिर पहले ही बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. वो प्रशांत किशोर की रणनीतियों से खफा था. मिहिर करीब 2 दशक से ममता के साथ ही थे.
जितेंद्र तिवारी: पश्चिम बर्धमान में TMC की कमान संभालने वाले विधायक जितेंद्र तिवारी ने पार्टी नेतृत्व पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने शुभेंदु अधिकारी से भी मुलाकात की है. बंगाल सीएम ममता भी उनसे मुलाकात कर सकती हैं.
इन नेताओं के अलावा राज्य सरकार में मंत्री राजीव बनर्जी, विधायक शीलभद्र दत्ता, बानी सिंह रॉय, जाती लाहिरी, जगदीश चंद्र बर्मा, रबींद्र नाथ भट्टाचार्य, सुनील मंडल और निमोत शेख पार्टी से खफा चल रहे हैं. कई ने खुलकर प्रशांत किशोर के काम करने के तरीके पर सवाल खड़े किए हैं.
बीजेपी नेता अमित शाह के बंगाल दौरे के दौरान कई नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी की ओर से टीएमसी में की जा रही सेंध लगातार रफ्तार पकड़ रही है.