भारत के अध्यात्मिक मूल्यों की दुनिया में डंका बजाने वाले युवाओं के प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद का आज जन्मदिन है. आज ही के दिन यानी कि 12 जनवरी को उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है. आज देश भर में स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती मनाई जा रही है.
पश्चिम बंगाल की धरती पर पैदा हुए स्वामी विवेकानंद को लेकर इस बार राजनीतिक दलों में खास दिलचस्पी है. इस साल कुछ ही महीनों बाद बंगाल का विधानसभा चुनाव होने वाला है. लिहाजा सभी राजनीतिक दल खुद को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों के वाहक के तौर पर पेश कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा है कि उनके विश्व बंधुत्व के सिद्धांत की देश में आज और भी ज्यादा जरूरत है. वहीं हाल ही में टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल हुए सुवेन्दु अधिकारी ने कहा है कि वे बंगाल की माटी के सपूत थे जिन्होंने बंगाल के लिए गौरव अर्जित किया.
Remembering the great leader Swami Vivekananda on his birth anniversary. I bow down to Swamiji's teachings.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 12, 2021
His message of peace & universal brotherhood is of utmost relevance today & inspires all of us to strive hard in safeguarding these ideals in our beloved nation.
ममता बनर्जी ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देते कहा, "स्वामी विवेकानंद की जयंती पर महान नेता को याद कर रही हूं, मैं स्वामी जी के आदर्शों के प्रति श्रद्धा से सिर झुकाती हूं, उनके शांति और विश्व बंधुत्व के संदेश आज सबसे ज्यादा प्रसांगिक हैं, और हमें प्रेरणा देते हैं कि हम अपने प्यारे देश के आदर्शों की रक्षा करने के लिए और भी डटकर काम करें."
Swami Ji was a phenomenon who advanced Bharat by centuries during his life.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) January 12, 2021
We can but hope to contribute by working to advance this Nation merely by a few years during ours.
A true Son of the Soil of Bengal, it is our shared dream to build a West Bengal he would be proud of.
वहीं सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि स्वामी जी एक अद्भुत शख्सियत थे, जिन्होंने अपनी जिंदगी में ही भारत को सैकड़ों साल आगे ले गए, हम अपनी जिंदगी को इस देश को महज कुछ साल आगे ले जाने के लिए अपना योगदान दे सकते हैं. सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद बंगाल की माटी के सच्चे सपूत थे, ये हमारा साझा स्वपन है कि हम ऐसा बंगाल बनाएं जिस पर स्वामी विवेकानंद गर्व कर सकें.