पश्चिम बंगाल विधानसभा की राजनीति में उलटफेर होता नजर आ रहा है. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात ने सियासी गणित भी बदल दिए हैं. तेजस्वी की मुलाकात से उनका रुख स्पष्ट नजर आ रहा है, जबकि अब तक कांग्रेस आरजेडी के साथ सीट शेयरिंग का भी इंतजार कर रही थी. कांग्रेस और लेफ्ट गठबंधन में अभी तक सीट शेयरिंग पर मंथन चल रहा है और कुछ जगह बात फाइनल भी हो गई है.
पार्टी के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया है कि वाम दलों के साथ अब तक हुई चर्चा में 92 सीटें कांग्रेस के लिए फाइनल हो गई है. इन कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची दो दिन में जारी कर दी जाएगी.
इसके अलावा अधीर रंजन चौधरी ने ये भी कहा कि हमने शुरुआत में 130 सीटों की मांग की थी. लेफ्ट फ्रंट ने हमें अधिक सीटों के साथ समायोजित किया होगा, लेकिन हमें अन्य दलों जैसे आरजेडी और एनसीपी के लिए गुंजाइश रखनी थी. लेकिन अब आरजेडी और एनसीपी के साथ सीट शेयर नहीं करनी होंगी, लेकिन अन्य दलों के लिए हमारा ऑफर खुला है.
As per discussions held with left so far, 92 seats have been finalised for Congress to contest the upcoming West Bengal Assembly election. The list of candidates for these seats will be announced in two days: Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury pic.twitter.com/h8JsRd13Xx
— ANI (@ANI) March 1, 2021
बता दें कि सोमवार को ही तेजस्वी यादव ने बंगाल जाकर सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात की है. ममता से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि बंगाल की अपनी अलग सांस्कृतिक और राजनीतिक पहचान है, मुझे पूर्ण विश्वास है कि बंगाल के लोग विभाजनकारी नीति में यक़ीन रखने वाले बाहर के लोगों के हाथों बंगाली संस्कृति और पहचान को कभी भी ख़त्म नहीं होने देंगे.
ममता बनर्जी के साथ फोटो शेयर करते हुए तेजस्वी ने ट्वीट में लिखा कि लालू प्रसाद जी का स्पष्ट मानना है कि विपक्ष के लिए यह समय देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा, विचारधारा की प्रतिबद्दता तथा सिद्धांतों की स्थिर राजनीति का है.
इधर, वाम मोर्चा के अध्यक्ष बिमान बोस ने कहा कि कांग्रेस के साथ आज की चर्चा के बाद हमने महसूस किया कि अब कोई समस्या नहीं होगी. हम गठबंधन के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें हैं. इन पर 27 मार्च से आठ चरणों में मतदान होगा.
गठबंधन को लेकर कांग्रेस में तकरार
बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल चुनाव के लिए वाम मोर्चा (वामो), कांग्रेस और इंडियन सेक्यूलर फ्रंट (आईएसएफ) के बीच गठबंधन का ऐलान हुआ है. इस पर कांग्रेस के अंदर ही तकरार देखने को मिली है. ISF यानी पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के साथ गठबंधन पर कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने अपनी नाराजगी जाहिर की. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई में कांग्रेस चयनात्मक नहीं हो सकती है. हमें सांप्रदायिकता के हर रूप से लड़ना है. पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति और समर्थन शर्मनाक है, उन्हें अपना पक्ष स्पष्ट करना चाहिए. इस पर अधीर रंजन चौधरी ने जवाब भी दिया और कहा कि जो कुछ हुआ है वो सब पार्टी हाईकमान को पता है.