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पश्चिम बंगाल: 300 वर्ष पुराने तारकेश्वर मंदिर पहुंचे TMC प्रत्याशी, ममता के लिए की प्रार्थना

पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार के दौरान एक हादसे में घायल हुईं ममता बनर्जी को लेकर पार्टी के प्रत्याशी और कार्यकर्ता चिंतित हैं. उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की जा रही है. पार्टी प्रत्याशी चाहते हैं, कि जल्द वे पूरी तरह सही होकर चुनाव अभियान में वापस आ जाएं. 

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तारकेश्वर मंदिर पहुंचे टीएमसी प्रत्याशी रामेंदु सिंह राय
तारकेश्वर मंदिर पहुंचे टीएमसी प्रत्याशी रामेंदु सिंह राय
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ममता के जल्द स्वस्थ होने के लिए की प्रार्थना
  • तारकेश्वर मंदिर पहुंचे टीएमसी प्रत्याशी रामेंदु सिंह
  • मंदिर में हुआ नंदी का सजीव जलाभिषेक

पश्चि‍म बंगाल में हुगली जिले के तारकेश्वर में स्थि‍त बाबा तारकनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजा की गई. इस दौरान तारकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के टीएमसी उम्मीदवार रामेंदु सिंह राय यहां पहुंचे. उन्होंने घायल ममता बनर्जी के जल्द स्वस्थ होने को लेकर भगवान शिव से प्रार्थना की.

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महाशिवरात्रि के दिन तारकेश्वर मंदिर में पहुंचे तृणमूल उम्मीदवार रामेंदु सिंह राय ने बताया कि उन्होंने बाबा तारकनाथ से प्रार्थना की है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जल्द स्वस्थ हों और बंगाल की जनता की सेवा करें. उन्होंने कहा कि मैंने भगवान से आशीर्वाद मांगा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बंगाल विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतकर एक बार फिर राज्य की सत्ता पर काबिज हों.


मंदिर से जुड़ा है सियासी विवाद 
बता दें कि तारकेश्वर मंदिर के साथ कुछ सियासी विवाद भी जुड़े हैं. करीब चार साल पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता को मिनी पाकिस्तान कहने वाले राज्य के मंत्री फरहाद हकीम को तारकेश्वर मंदिर विकास प्राधिकरण का चेयरमैन नियुक्त कर दिया था. इस नियुक्ति‍ के बाद बंगाल की राजनीति में भूचाल आ गया था. भाजपा समेत विरोधी पार्टि‍यों और हिंदू संगठनों ने एक मुस्लिम शख्स को हिंदू मंदिर के विकास प्राधिकरण का चेयरमैन बनाए जाने की जमकर आलोचना की थी. बात काफी बढ़ने पर ममता को अपना यह फैसला वापस लेना पड़ा था. इसके बाद हुगली की पूर्व सांसद डॉ. रत्ना दे नाग को तारकेश्वर मंदिर विकास प्राधिकरण का चेयरमैन बनाया गया था.

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नंदी का हुआ सजीव जलाभि‍षेक
हुगली का ये तारकेश्वर मंदिर भगवान भोलेनाथ की प्रमुख पीठ के रूप में विख्यात है और करीब 300 साल पुराना है. शि‍वरात्रि के मौके पर यहां हर साल की तरह भारी भीड़ हुई और महाशिवरात्रि का पावन पर्व धूमधाम से मनाया गया. सुबह से ही बड़ी संख्या में भक्तजन मंदिर में दर्शन के लिए कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. इनमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं, जिन्होंने दूध व गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक किया. इसके अलावा, तारकेश्वर मंदिर प्रांगण में बाबा भोलेनाथ की सवारी के रूप में विख्यात नंदी का सजीव जलाभिषेक किया गया, यानी जीवित नंदी की पूजा की गई.

ये बोले पुजारी 
तारकेश्वर मंदिर के वरिष्ठ पुजारी संदीप चक्रवर्ती ने बताया कि महाशिवरात्रि के दिन तारकेश्वर भगवान का दर्शन करने से मन की सारी मुरादें पूरी हो जाती हैं. बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुषों को सुबह से घंटों इंतजार के बाद जलाभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. कोरोना महामारी के प्रकोप के चलते पिछले साल महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु यहां पर पूजा-अर्चना नहीं कर पाए थे, लेकिन इस बार महामारी के प्रकोप के कम होते ही मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया, जिसके कारण यहां आए भक्तों में काफी उत्साह का माहौल रहा. (Input- भोलानाथ साहा)

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