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बंगाल: पराक्रम दिवस मनाने के फैसले पर TMC बोली- चुनाव से पहले क्यों याद आए नेताजी

स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को केंद्र सरकार ने हर साल पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है. इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने पीएम मोदी से सवाल किया है कि चुनाव से पहले ही नेताजी की याद क्यों आ रही है?

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तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेंदु शेखर रॉय
तृणमूल कांग्रेस सांसद सुखेंदु शेखर रॉय
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टीएमसी सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने दिया बयान
  • राष्ट्रीय अवकाश घोषित करने की कर चुके हैं मांग
  • 'अब चुनाव से पहले नेताजी की आई बीजेपी को याद'

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 23 जनवरी को देशभर में पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जायेगी. संस्कृति मंत्रालय से आई इस जानकारी के बाद तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने बयान जारी कर पीएम मोदी को घेरने का प्रयास किया है. उनका कहना है कि बीजेपी के पास अपना कोई ऑइकन नहीं है. 

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संस्कृति मंत्रालय के मुताबिक, नेताजी की अदम्य भावना और राष्ट्र के लिए उनके निस्वार्थ सेवा के सम्मान में उनको याद रखने के लिए भारत सरकार ने हर साल 23 जनवरी को उनके जन्मदिन पर 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया है. इससे देश के लोगों विशेषकर युवाओं को विपत्ति का सामना करने में नेताजी के जीवन से प्रेरणा मिलेगी और उनमें देशभक्ति और साहस की भावना समाहित होगी.

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वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने की घोषणा करने पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा है कि बीजेपी बंगाली ऑइकन को अपने लिये उपयुक्त बनाने का प्रयास कर रही है. बीजेपी के पास खुद के ऑइकन नहीं हैं. यही कारण है कि चुनाव से ठीक पहले नेताजी का सहारा लेने की कोशिश की जा रही है.

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उन्होंने कहा कि जब बंगाल सरकार ने 23 जनवरी को देश प्रेम दिवस और राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित करने के लिए बार-बार प्रस्ताव भेजा, तो उन्होंने कभी ध्यान नहीं दिया. अब चुनाव से पहले वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती दिवस को पराक्रम दिवस के रूप में घोषित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये सब राजनीति है, लेकिन नेताजी राजनीति से ऊपर हैं.

 


 

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