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बंगाल: पीएम मोदी और अमित शाह के इन बयानों को लेकर TMC ने चुनाव आयोग पर जताई आपत्ति

पत्र में टीएमसी ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयानों का जिक्र किया गया है. टीएमसी की तरफ कहा गया है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने कई ऐसे बयान दिए हैं जिसमें मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट और रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल्स एक्ट 1951 का उल्लंघन हुआ है.

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ममता बनर्जी ने मोदी और शाह के कई बयानों पर आपत्ति जताई है. (फाइल फोटो)
ममता बनर्जी ने मोदी और शाह के कई बयानों पर आपत्ति जताई है. (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • टीएमसी ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
  • मोदी-शाह के बयानों का किया जिक्र
  • चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप

बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया है. टीएमसी का कहना है कि चुनाव आयोग ने बहुत से मामलों में उचित कार्रवाई नहीं और कई मामता बनर्जी से जुड़े कई मामलों में जरूरत से ज्यादा एक्शन लिया है. टीएमसी की तरफ से चुनाव आयोग को पत्र भी लिखा गया है.

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पत्र में टीएमसी ने पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयानों का जिक्र किया गया है. टीएमसी की तरफ कहा गया है कि पीएम मोदी और अमित शाह ने कई ऐसे बयान दिए हैं जिसमें मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट और रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल्स एक्ट 1951 का उल्लंघन हुआ है.

पत्र में इन बयानों का जिक्र

पत्र में कहा गया है कि पीएम मोदी ने 12 अप्रैल को कल्याणी में एक रैली के दौरान कहा था, ''आपने ना ही मतुआ समाज के मेरे भाइयों और बहनों के लिए कुछ किया और ना ही नामशूद्र समाज के लोगों के लिए कुछ किया.'' टीएमसी के मुताबिक यह मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के क्लॉज 1(3) का उल्लंघन है. पीएम मोदी इस बयान के जरिए धर्म और संप्रदाय के आधार पर वोट की अपील कर रहे हैं.

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10 अप्रैल 2021 को सीतलकुची की घटना के बाद सिलीगुड़ी में पीएम मोदी ने कहा था कि,'' इस बीच कोच बिहार में जो हुआ वो बहुत ही दुखद है. जिन लोगों की मृत्यु हुई है मैं उनके निधन पर दुख जताता हूं. मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ है. बीजेपी के पक्ष में जनसमर्थन देखकर दीदी और उनके गुंडों को बौखलाहट हो रही है. अपनी कुर्सी जाती देख दीदी इस स्तर पर उतर आई हैं.''

इस बयान के जरिए पीएम मोदी ने गलत आरोप लगाए हैं. चार लोगों की मौत सीएपीएफ बलों के चलते हुई थी. यहां भी मॉडल ऑफ कोड कंडक्ट का उल्लंघन किया गया है और गलत तथ्यों के आधार पर पार्टी पर गलत आरोप लगाए गए हैं.

पत्र में आगे लिखा गया है कि शांतिपुर में 11 अप्रैल को एक जनसभा के दौरान अमित शाह ने आनंद बर्मन की मौत के परिप्रेक्ष्य में कहा था जिसकी मौत पर ममता बनर्जी पहले ही दुख जाहिर कर चुकी थी. शाह ने कहा था, ''परंतु आनंद बर्मन पर एक भी आंसू नहीं बहाया ना ही एक स्टेटमेंट दिया ना आज तक उसकी मृत्यु श्रद्धांजलि का दुख व्यक्त किया, क्योंकि आनंद बर्मन एक राजबोंगशी समाज का नवयुवा है.'' अमित शाह इस बयान के जरिए जाति के आधार पर गलत धारणा स्थापित करने की कोशिश की थी. यह भी मॉडल ऑफ कोड कंडक्ट के नियमों के खिलाफ है.

टीएमसी ने पत्र में लिखा है कि चुनाव आयोग का कहना है कि वो भाषणों की निगरानी कर रहा है. लेकिन ऐसे विवादित बयानों पर कोई एक्शन नहीं लिया है. इन सबके अलावा चुनाव आयोग को अमित शाह और पीएम मोदी को शेष चरण के चुनावों में प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए.

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