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ममता की लिस्ट में 42 मुस्लिम, 50 महिलाएं, दीदी ने बैलेंस किया धर्म और जाति का समीकरण

बंगाल की 294 सीटों में से टीएमसी 291 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि तीन सीटें उसने सहयोगी गोरखा मुक्ति मोर्चा के लिए छोड़ दी है. वहीं, टीएमसी ने अपने करीब 28 विधायकों का टिकट काट दिया है, जिसमें वो भी शामिल हैं जो पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं.

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ममता बनर्जी
ममता बनर्जी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ममता बनर्जी ने अपने प्रत्याशियों के नाम का किया ऐलान
  • ममता ने करीब 27 विधायकों के टिकट काट दिए
  • 42 मुस्लिम, 79 दलित प्रत्याशी उतारे

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने पत्ते खोल दिए हैं. ममता ने बंगाल के सियासी रण में अपने सभी सिपहसालारों के नाम का ऐलान कर दिया है. बंगाल की 294 सीटों में से टीएमसी 291 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि तीन सीटें उसने सहयोगी गोरखा मुक्ति मोर्चा के लिए छोड़ दी है. वहीं, टीएमसी ने अपने करीब 27 विधायकों का टिकट काट दिया है, जिसमें वो भी शामिल हैं जो पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं. ऐसे में ममता ने टिकट के जरिए बंगाल के सियासी समीकरण साधने का दांव चला है. 

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ममता बनर्जी ने 291 सीटों के लिए जिन प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया है, उसमें 50 टिकट महिला उम्मीदवार को देकर ममता ने बंगाल की आधी आबादी को सियासी संदेश देने की कवायद की है. इतना ही नहीं ममता बनर्जी ने जिस तरह से 42 मुस्लिम उम्मीदवारों पर दांव लगाया है, उसके पीछे भी बकायदा सोची समझी रणनीति है. बंगाल में करीब 30 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं, जो करीब 100 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर जीत हार में अहम भूमिका अदा करते हैं. 

ममता बनर्जी बंगाल में दलित और अनुसूचित जनजाति को भी साधने की कवायद करती नजर आ रही हैं. यही वजह है कि उन्होंने 79 दलित उम्मीदवारों जबकि 17 अनुसूचित जनजाति के प्रत्याशियों को टिकट दिया गया है. बंगाल में एससी और एसटी समुदाय की आबादी भी करीब 30 फीसदी है, जो राजनीतिक लिहाज से काफी अहम मानी जाती है. ऐसे में ममता ने इन दोनों समुदाय को बड़ी तादाद में उतारकर बीजेपी को कड़ी टक्कर देने की रणनीति अपनाई है. 

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ममता बनर्जी ने अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर छोड़ दी है. इस सीट पर उन्होंने अपने करीबी सोवनदेब चटर्जी को मौका दिया है जबकि ममता खुद नंदीग्राम सीट से किस्मत आजमाएंगी. इसके साथ ममता ने ऐलान किया कि 80 साल से अधिक उम्र वाले लोगों को टिकट नहीं मिल रहा है. ममता ने इस बार के चुनाव में अपने करीब 27 विधायकों के टिकट काट दिए हैं, उनकी जगह पार्टी ने नए चेहरों को मौका दिया है. 

बांकुरा से फिल्मस्टार सायानतिका, उत्तरपाड़ा से कंचन मलिक, शिबपुर से क्रिकेटर मनोज तिवारी को टिकट दिया गया है. सिंगर अदिति मुंशी को राजरहाट, चंद्रिमा भट्टाचार्य को नॉर्थ दमदम से टिकट दिया गया है. वरिष्ठ टीएमसी नेता मदन मित्रा को कमरहाटी, मंत्री शशि पांजा को श्यामपुकुर से टिकट दिया गया है. वित्त मंत्री अमित मित्रा खराब तबीयत होने की वजह से चुनाव नहीं लड़ेंगे. वहीं, पार्थो चटर्जी को भी इस बार टिकट नहीं दिया गया है. 

 

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