पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण की 45 सीटों पर प्रचार का शोर बुधवार को शाम साढ़े छह बजे थम गया. इस फेज की 45 सीटों पर 342 उम्मीदवारों की सियासी तकदीर का फैसला 17 अप्रैल यानि शनिवार को होना है. चुनाव आयोग ने चौथे चरण में कोच बिहार में हिंसा में हुई मौतों के मद्देनजर चुनाव प्रचार के समापन एवं मतदान के प्रारंभ होने के बीच की अवधि 48 घंटे से बढ़ाकर 72 घंटे कर दी है. यही वजह रही कि पांचवें चरण का चुनाव प्रचार वोटिंग से तीन दिन पहले खत्म हो गया.
इस चरण में टीएमसी की ओर से ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने प्रचार की कमान संभाल रखी थी तो बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह और जेपी नेड्डा ने मोर्चा संभाल रखा था. टीएमसी और बीजेपी के बीच कोच बिहार की घटना पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए गए. इसके अलावा अमित शाह को एनआरसी पर भी सफाई देनी पड़ी. वहीं, आधा चुनाव बीत जाने बाद कांग्रेस एक्टिव हुई है. पांचवें चरण के प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बंगाल में कदम रखा और आरएसएस और बीजेपी पर जमकर बरसे.
ममता बनर्जी पर 24 घंटे का बैन लगा
हालांकि, बंगाल का चुनाव पांचवें चरण तक पहुंचते-पहुंचते निर्वाचन आयोग को टीएमसी प्रमुख व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर 24 घंटे तक चुनाव प्रचार के लिए बैन लगाना पड़ा. ममता के हिन्दू-मुस्लिम वोटों को लेकर दिए बयान पर चुनाव आयोग ने ये एक्शन लिया था, जिसके चलते सोमवार आठ बजे से मंगलवार आठ बजे तक चुनाव प्रचार की रोक थी. चुनाव आयोग के इस फैसले के खिलाफ ममता बनर्जी ने कोलकाता में गांधी मूर्ति के पास करीब तीन घंटे धरने पर बैठीं और इस फैसले को लोकतंत्र के लिए काला दिन करार दिया था.
टीएमसी ने मोदी-शाह को बैन करने की मांग उठाई
वहीं, टीएमसी ने चुनाव आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया और साथ ही पत्र लिखकर पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के तमाम बयानों को लेकर शिकायत दर्ज कराया. इसके साथ टीएमसी ने चुनाव आयोग से शेष चरणों के चुनाव प्रचार में पीएम मोदी और अमित शाह पर प्रतिबंध लगाने जाने ने की मांग की. टीएमसी ने कहा कि मोदी-शाह ने बंगाल चुनाव में मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट और रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल्स एक्ट 1951 का उल्लंघन किया है. इसके लिए बीजेपी के दोनों शीर्ष नेताओं के बयानों को भी पत्र में संलग्न किया.
एनआरसी पर शाह को क्यों देनी पड़ी सफाई
पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लेकर मुस्लिम समुदाय ही नहीं बल्कि गोरखा समुदाय विरोध करता रहा है, क्योंकि असम में बड़ी तादाद में गोरखा समुदाय एनआरसी प्रक्रिया से बाहर हो गए थे. बंगाल के पांचवें चरण के चुनाव में गोरखा समुदाय के इलाकों में वोटिंग होनी है, जहां एनआरसी एक अहम मुद्दा है. यही वजह है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को कलिमपोंग में एनआरसी पर सफाई देनी पड़ी.
अमित शाह को एक नहीं बल्कि दार्जलिंग के इलाके में अपनी हर रैलियों में कहना पड़ा कि यह भ्रम लोगों में फैलाया जा रहा है कि यदि एनआरसी यानी राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर लाया जाता है तो गोरखा बाहर हो जाएंगे. एनआरसी अभी नहीं लाई गई है और फिलहाल इसे लाने की कोई योजना भी नहीं है. ऐसे में भविष्य में अगर एनआरसी यह लाई जाती है तो भी एक भी गोरखा समुदाय को इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है. एनआरसी का उसका असर गोरखा समुदाय पर नहीं पड़ेगा. साथ ही अमित शाह ने गोरखा समस्या का राजनीतिक समाधान ढूंढने का भी आश्वासन दिया. उन्होंने कहा, 'मैं वादा करता हूं कि भाजपा की डबल इंजन की सरकार, एक केंद्र में और दूसरी बंगाल में आती है गोरखा समस्या का स्थायी राजनीतिक समाधान निकाला जाएगा और आपको अब प्रदर्शनों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा.
कोच बिहार की हिंसा पर सियासत
चौथे चरण के वोटिंग के दौरान कोच बिहार के सीतलकूची में सीआईएसएफ की गोलीबारी में चार लोगों की मौत के मामले पर जमकर सियासत देखने को मिली. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना की साजिश रची और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसकी पूरी जानकारी थी. उन्होंने कहा कि मरने वाले लोग टीएमसी के समर्थक थे. ममता बनर्जी ने मरने वाले लोगों के परिवार से भी मिली थी.
वहीं, चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने घटना को लोगों को उनके मताधिकार के इस्तेमाल से रोककर धांधली करने की बनर्जी की साजिश का परिणाम बताया है. साथ ही घटना पर दुख जाहिर करते हुए हिंसा में मरने वालों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की थी. मोदी ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी लोगों को सिक्युरिटी फोर्स पर हमले के लिए उकसा रही हैं, लेकिन इन सब से वो बच नहीं पाएंगी. पीएम ने कहा कि कूच बिहार में जो हुआ वह इसी साजिश, दीदी के 'छप्पा वोट' के लिए मास्टरप्लान का नतीजा है. हार और जीत लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन आपको लोगों के वोट के अधिकार को छीनने की अनुमति नहीं है. साथ ही अमित शाह से लेकर बीजेपी के तमाम नेताओं ने कूच बिहार की घटना के लिए टीएमसी और ममता को जिम्मेदार ठहराया.
दलित वोटों को साधने की जद्दोजहद
बंगाल के पांचवें चरण में दलित मतदाता काफी अहम माने जा रहे हैं. ऐसे बीजेपी और टीएमसी दोनों ही ओर से दलित मतदाताओं को साधने के लिए जोर-आजमाइश होती रही. मोदी ने सोशल मीडिया पर एक वायरल वीडियो को लेकर कहा कि लोग इसे देखकर चौक गए हैं. वीडियो में दीदी के करीबी लोगों ने एससी समुदाय का अपमान किया है. वो कह रहे हैं, बंगाल के एससी समुदाय भिखारियों की तरह व्यवहार करते हैं. दीदी, इतना अहंकार. मेरे भाइयों, बहनों और उनके बच्चों के साथ आपकी पार्टी और नेता इतनी नफरत करते हैं. दीदी और उनके साथियों का यही असली चेहरा है. वहीं, टीएमसी ने कहा कि बीजेपी का दलित विरोधी चेहरा जगजाहिर है.
संघ और बीजेपी पर राहुल का वार
पश्चिम बंगाल के चार चरण चुनाव के बीत जाने के बाद पांचवें चरण के प्रचार के अंतिम दिन कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी उतरे और बीजेपी-आरएएस के साथ टीएमसी पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस सिर्फ लोगों को बांटना जानते हैं. उन्होंने कहा कि बीजेपी और संघ के पास घृणा और हिंसा के अलावे देने के लिए और कुछ नहीं है.अगर बीजेपी राज्य की सत्ता में आएगी तो वो बंगाल को बर्बाद कर देगी. राहुल ने कहा कि बीजेपी 'सोनार बांग्ला' बनाने की बात कर रही है, लेकिन उसने पूरे देश को बर्बाद कर दिया है. यूपी में जाकर देखिए क्या हालत है. राहुल ने ममता पर भी निशाना साधते हुए कहा कि हमने कभी बीजेपी के साथ गठबंधन नहीं किया, लेकिन ममता जी ने (अतीत में) ऐसा किया है. पश्चिम बंगाल इकलौता ऐसा राज्य है जहां आपको नौकरियां पाने के लिए 'कटमनी' देनी पड़ती है.
बंगाल के पांचवे चरण की 45 सीटों पर शनिवार को वोटिंग होनी है. इस में उत्तरी 24 परगना के 16 , पूर्ब बर्धमान एवं नादिया के आठ-आठ, जलपाईगुड़ी के सात, दार्जिलिंग के पांच और कलिम्पोंग जिले के एक विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होंगे. 2016 के विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने इस क्षेत्र में 32, वाममोर्चा-कांग्रेस गठबंधन ने दस सीटें जीती थीं जबकि बीजेपी के पास कोई सीट नहीं है.