पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (West Bengal Election) की सुगबुगाहट के बीच वाम मोर्चा (लेफ्ट) ने बंद का ऐलान किया है. ये बंद शुक्रवार (12 फरवरी) सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक यानी कि 12 घंटों के लिए बुलाया है. लेकिन इस बीच बंगाल सरकार ने लेफ्ट द्वारा बुलाए बंद के मद्देनजर नोटिस जारी करके राज्य सरकार के कर्मचारियों का ऑफिस आना अनिवार्य कर दिया है.
लेफ्ट का बंद और ममता सरकार का फरमान
दरअसल, शुक्रवार को लेफ्ट पार्टी ने बंगाल बंद बुलाया है. ऐसे में ममता बनर्जी की सरकार ने नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों का शुक्रवार को ऑफिस आना अनिवार्य है. नोटिस में कहा गया है कि अगर राज्य सरकार के कर्मचारी (बेहद जरूरी परिस्थियों के अलावा) शुक्रवार को अनुपस्थित रहते हैं, तो उनका वेतन काटा जाएगा.
क्यों बुलाया गया बंद
आपको बता दें कि गुरुवार को लेफ्ट और यूथ कांग्रेस के वर्कर्स रोजगार की मांग करते हुए सचिवालय तक मार्च निकाल रहे थे. लेकिन इस दौरान वर्कर्स की कोलकाता पुलिस के साथ झड़प हो गई. आरोप है कि प्रदर्शनकारियों ने मार्च के रास्ते में लगे बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की. ऐसे में पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और लेफ्ट और यूथ कांग्रेस के वर्कर्स पर लाठीचार्ज कर दिया.
लेफ्ट ने बुलाया बंद
इस घटना के बाद लेफ्ट फ्रंट के अध्यक्ष बिमान बोस ने बंगाल में शुक्रवार को सुबह 6 से शाम 6 बजे तक बंद ऐलान कर दिया. बंद के दौरान लेफ्ट की ओर से पुलिस के लाठीचार्ज का विरोध किया जाएगा.
मालूम हो कि पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव कांग्रेस और लेफ्ट मिलकर लड़ रहे हैं. बंगाल में सत्तारूढ़ सीएम ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी का सीधा मुकाबला बीजेपी और लेफ्ट-कांग्रेस गठबंधन से है.
इनपुट- अनुपम मिश्रा और प्रेमा