पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने एक बार फिर कहा है कि दुर्गा धार्मिक देवी हैं. हम उन्हें राजनीति में नहीं लाए हैं, हम राजा राम को लाए हैं. दिलीप घोष ने कहा कि देवी दुर्गा राजनीति का विषय नहीं है. उन्होंने कहा कि बंगाल के एक आदमी के मन में भी दुर्गा और राम को लेकर भ्रम नहीं है. उन्होंने कहा कि टीएमसी के नेता सठिया गए हैं.
रविवार को दिलीप घोष जब अपने बयान पर सफाई देने के लिए आजतक पर आए तो उन्होंने कहा कि राम एक राजा थे, क्षत्रिय पुरुष थे. उनके पूर्वजों का नाम है, उनको लेकर हम राजनीति करेंगे, राजा हमारे आदर्श हैं, मां दुर्गा राजनीति की व्यक्ति हैं क्या? मां दुर्गा के पूर्वजों का नाम मिलता है क्या? भगवान ने उनकी पूजा की, हम भी उनकी पूजा करते हैं, दीदी उनको राजनीति में क्यों घसीटती हैं,
बंगाल बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि हम राम को राजा मानते हैं, आदर्श पुरुष मानते हैं. उन्होंने कहा, "दुर्गा को राम के सामने कैसे खड़ा कर सकते हैं आप? दुर्गा एक धार्मिक चरित्र है, मां हैं...जगत जननी है...हम भगवान राम की पूजा करते हैं. राम के सामने दुर्गा को प्रतिस्पर्धी बना सकते हैं क्या, भगवान राम ने पूजा किया, हमने भी पूजा किया."
जानें: दिलीप घोष ने क्या कहा था देवी दुर्गा के बारे में
दिलीप घोष ने कहा कि जो दुर्गा का विसर्जन रोकते हैं वो उनके भक्त कैसे बन गए हैं? उन्होंने कहा कि टीएमसी से पूछा जाना चाहिए कि जय श्री राम से क्यों डरते हैं, क्या इनका अंतिम समय आ चुका है. नहीं तो राम नाम से कोई डरता है.
दिलीप घोष ने कहा कि मंदिर में जय सिया राम कहा जाता है. हम जय श्री राम कहते हैं. हम खुल्लम खुल्ला राजनीति करते हैं. टीएमसी के पास न राम है, न सिया है और न ही दुर्गा है.
बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा कि राम को लोग घर-घर में बेटा मानते हैं, पूजा करते हैं, कृष्ण को कन्हैया नाम से पूजा जाता है, लेकिन दुर्गा देवी हैं. वो राजनीतिक व्यक्ति नहीं हैं, इनको ये समझदारी नहीं है, दोनों के बीच फर्क है. ये लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि हम धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं, लेकिन ये लोग खुद दुर्गा को राजनीति में लाते हैं क्योंकि इनके पास कोई हथियार नहीं है. बंगाल बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि दुर्गा विसर्जन रोककर, सरस्वती पूजा बंदकर भक्ति दिखाएंगे तो कौन मानेगा.