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पश्चिम बंगाल चुनाव: बीजेपी प्रत्याशी की गाड़ी पर हुआ हमला, ऑफिस में तोड़फोड़

कूचबिहार में बीजेपी प्रत्याशी मिहिर गोस्वामी की गाड़ी पर हमला हुआ, तोड़फोड़ की गई. वहीं उनके दफ्तर में भी तोड़फोड़ का प्रयास हुआ. बीजेपी की तरफ से तृणमूल पर आरोप लगा है.

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बीजेपी उम्मीदवार मिहिर गोस्वामी
बीजेपी उम्मीदवार मिहिर गोस्वामी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीजेपी प्रत्याशी की गाड़ी पर हुआ हमला
  • बीजेपी के ऑफिस में तोड़फोड़
  • कूचबिहार में हुई हिंसा

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस 200 से ज्यादा सीटें जीतकर जीतकर सरकार बनाएगी. वहीं 200 पार का नारा देने वाली बीजेपी सेंचुरी भी नहीं लगा पाई है. इस बीच शानदार जीत से उत्साहित टीएमसी के कार्यकर्ता अब सड़क पर जश्न मनाने लगे, गुलाल से होली खेलने लगे और बीजेपी ऑफिस के बाहर नारेबाजी शुरू कर दी. इस बीच खबर आई कि कूचबिहार में हिंसा हुई.

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बीजेपी प्रत्याशी की गाड़ी पर हुआ हमला

कूचबिहार में बीजेपी प्रत्याशी मिहिर गोस्वामी की गाड़ी पर हमला हुआ, तोड़फोड़ की गई. वहीं उनके दफ्तर में भी तोड़फोड़ का प्रयास हुआ. बीजेपी की तरफ से तृणमूल पर आरोप लगा है. वैसे तृणमूल की बड़ी जीत के बीच ऐसी हिंसा हैरान नहीं करती है. बंगाल के चुनाव के दौरान जिस तरह की हिंसा देखने को मिली थी, उसे देखते हुए ऐसी घटनाएं काफी आम हैं और दोनों बीजेपी और तृणमूल की तरफ से एक दूसरे पर आरोप लगाए गए हैं.

सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ीं धज्जियां

वैसे ममता की वापसी से तृणमूल कार्यकर्ता इतने ज्यादा उत्साहित हैं. कोलकाता से एक वीडियो सामने आया है जहां पर टीएमसी के कई कार्यकर्ता बीजेपी ऑफिस के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं, अपनी जीत का जश्न मना रहे हैं. उस वीडियो में तृणमूल कार्यकर्ताओं का जो हुजूम देखने को मिल रहा है, उसे देखते हुए चुनाव आयोग ने भी एक्शन की बात कह दी है. साफ कर दिया है कि जो भी पार्टी विजय जुलूस निकालेगी तो उनके कार्यकर्ताओं के खिलाफ FIR होगी, वहीं उस इलाके के SHO को भी सस्पेंड किया जाएगा. लेकिन अभी तक बंगाल की सड़कों पर चुनाव आयोग की सख्ती का कोई असर नहीं दिख रहा है.

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पहले भी हुई कूचबिहार में हिस्सा

वैसे कूचबिहार की बात करें तो यहां पर हुई चुनावी हिंसा वैसे भी काफी सुर्खियों में रही थी. चौथे चरण की वोटिंग के दौरान गोलीबारी की घटना हुई थी और चार लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. उस समय तृणमूल ने दावा किया था कि गोली CISF की तरफ से चलाई गई थी, वहीं बीजेपी  ने उल्टा ममता की पार्टी को घेरा था. ये अलग बात रही कि चुनाव आयोग ने मामले में CISF को क्लीन चिट दी थी.

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