बंगाल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर लगभग सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. टीएमसी ने जहां अपने सभी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है, तो वहीं बीजेपी धुआंधार प्रचार में जुटी है. इसके अलावा लेफ्ट गठबंधन भी सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन प्रक्रिया के आखिरी पड़ाव पर है. वामपंथी दल बंगाल विधानसभा चुनाव में युवा उम्मीदवारों पर दांव लगाने की तैयारी में है. जेएनयू के कई छात्र पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में न सिर्फ प्रचार करेंगे बल्कि चुनाव भी लड़ेंगे.
खबर यह भी है कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कई छात्र नेता इस बार सीपीएम के टिकट पर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के रण में उतरेंगे. सीपीएम की छात्र इकाई स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया के 15 से 16 छात्रों को सीपीएम इस बार विधानसभा चुनाव में टिकट दे सकती है. सीपीएम सूत्रों द्वारा आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक जेएनयू छात्र यूनियन अध्यक्ष आईसी घोष को पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर ईस्ट सीट से विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है, वहीं छात्र नेता दीप शिखा घोष को वाल्ली सीट और पश्चिम बंगाल के एसएफआई प्रेसिडेंट प्रतीक उर रहमान को डायमंड हार्बर सीट से सीपीएम टिकट दे सकती है.
इतना ही नहीं लेफ्ट गठबंधन में शामिल सीपीआई नेता और पूर्व जेएनयू छात्र कन्हैया कुमार भी पश्चिम बंगाल में लेफ्ट फ्रंट के लिए चुनावी रैलियां संबोधित करेंगे. सीपीएम की ओर से अब तक शुरुआती दो चरणों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान हो चुका है, जिसमें अब तक 30 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा हो चुकी है, जबकि बाकी के सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान सोमवार को कर दिया जाएगा, जिसमें जेएनयू के और एसएफआई के छात्र नेताओं के नाम शामिल हो सकते हैं.
बता दें कि आमतौर पर सभी राजनीतिक दल अपनी छात्र इकाइयों से कुछ चेहरों को हर चुनाव में मैदान में उतारते हैं, सीपीएम ने तय किया है कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में युवा चेहरों पर दांव लगाएंगे, इसलिए एसएफआई के छात्रों को पार्टी टिकट देने का मन बना रही है.